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श्री ममल पाहुइ जी
(१४४) हिय उबन समय फूलना
गाथा २९६४ से २९८५ तक
(विषय: हितकार सोलही) जय जय जय जय जिन जयनं,
जय अप्प परम पय परम जिनं ।
जिन उवन जिनं ॥ १ ॥ अहो जिन जिनवर जिनके हिये वस, अहो जिन तिनके हिय हुव मुक्ति रसै । अहो जिन जिनय जिनं ॥ २ ॥
||आचरी॥ जय कलन कमल जय जयं कलै,
अहो जिन उवन कमल सिय धुवं मिलै । अहो जिन उवन जिनं ॥ ३ ॥
|| अहो. ॥ जय क्रांति कमल कलि कल्प रसै, जय उवन कमल क्रांति मुक्ति वसै ॥ ४ ॥
॥ अहो. ॥ ममल कमल अस्फटिक रलै, __ जिन तार कमल वीय मुक्ति मिलै ॥ ५ ॥
॥ अहो. ॥ जय जय जय जय रूव रहै, ___ जय रूव कमल जिनु मुक्ति लहै ॥ ६ ॥
॥ अहो. ॥
श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी जय लषन कमल जिन रूव लषै, जिन अलष कमल रूव मुक्ति अषै ॥ ७ ॥
॥ अहो. ॥ जय जयं कमल मय सब्द मिले, उव कमल सब्द जिन मुक्ति रलै ॥ ८ ॥
॥ अहो. ॥ जय अगम कमल सब्द अगम गमै, जिन उवन उवन सब्द मुक्ति रमै ॥ ९ ॥
॥ अहो. ॥ जय अगम कमल मनु अगम सहै, उव उवन कमल मनु मुक्ति रहै ॥ १० ॥
॥ अहो. ॥ जय षिपक कमल मनु षिपक गमै, जिन मुक्ति कमल मनु मुक्ति रमै ॥ ११ ॥
॥ अहो. ॥ हिय रमन कमल जिन रमन रमै, हिय उवन कमल जिनु मुक्ति रमै ॥ १२ ॥
॥ अहो. ॥ धुव उवन कमल धुव रमन रमै, जिन उवन उवन धुव मुक्ति गमै ॥ १३ ॥
॥ अहो. ॥ जय जय जय जय षिपक रस, उव षिपक कमल जिन मुक्ति वसै ॥ १४ ॥
॥ अहो. ॥