SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 402
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्री ममल पाहुइ जी जय जाऊ उवन पौ उवनु रस, उव उवन समय सुइ मुक्ति वसै ॥ २ ॥ ॥ आचरी॥ जय जयो जय जय जय रमन उवन जय, जय जय जयं जिननाथ रसै । जय रमन रमन उव रमन जयं जिनु, उव रमन समय जिनु मुक्ति वसै ॥ ३ ॥ ॥जय जयो.॥ जय जयो उवन जिनु जय उवनु हियं जिनु, सहयार साह जिन रमन रसै । आयरन उवन हिययार सहज जिनु, सुइ नंद समय जिनु मुक्ति वसै ॥ ४ ॥ ॥जय जयो.॥ जय जानु जिनय रिजु विपुल रस, जय जय जय जय मुक्ति समै । पय पयं पयं पय परम रमन जिनु, पय पयं उवन जिनु मुक्ति रमै ॥ ५ ॥ ॥जय जयो.॥ पय पयह पयं जिनु पय विंद रमन जिनु, पय विंद उवन जिनु उवनु रसै । उव उवन अर्क सुइ विंद रमन जिनु, उव सुन्न रमन जिनु मुक्ति वसै ॥ ६ ॥ ॥ जय जयो.॥ श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी दिसि दिप्ति रसै दिपि दिस्टि वसै, ___ उव उवन पूर्व दिसि उवनु रमै । उव उवन सहावे सब्द पियं जिनु, दिसि अन उवन जिनु मुक्ति गमै ॥ ७ ॥ ॥जय जयो.॥ पूर्व पूर्व रमै अग्र उवन समै, अग्र पूर्व रमन आयरन रमै । दिपि दिस्टि रमन आयरन दर्स जिनु, दर्स नित उवनु सिद्धि सिद्ध गमै ॥ ८ ॥ ॥जय जयो.॥ ब्रित नित उवन जिनु प्रिये इच्छ समय जिनु, सुइ प्रिछ प्रियं प्रिय उवनु रमै । वाइव विगत सुइ अविगत विगत जिनु, अविनंद परम जिनु मुक्ति गमै ॥ ९ ॥ ॥जय जयो.॥ सुइ विगत अविगत जिनु उत्पन्न रमन जिनु, उत्पन्न रमन तत्काल रमै । उत्तर दिसि उवन रमन जिन उवने, उत्पन्न ईस जिनु मुक्ति गमै ॥ १० ॥ ॥जय जयो.॥ ईसा ईसइ सै नंतानंत रसै, सुइ लोय लोय सुइ ईस वसै । सुइ लोय लोय अवलोय परम जिनु, सुइ नंत उवन जिन मुक्ति रसै ॥ ११ ॥ ॥ जय जयो.॥ (४०२
SR No.009713
Book TitleAdhyatma Vani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
PublisherTaran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
Publication Year
Total Pages469
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy