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________________ श्री ममल पाहुइ जी (९३७) कमल चतुर्दशी फूलना गाथा २८३६ से २८५० तक (विषय : कमल दल - कमल चतुर्दशी) जय जयो जयो जय जय उवनं, जय रमन रमन जिनु जिनय जिनं । जिन गमन गमन सुइ अगम जयं, जिनु नंत नंत सुइ मुक्ति जयं ॥ १ ॥ जिन जिनयति जिनय सु जिनय जयं, जिन उवन उवन स्वामी मुक्ति जयं । जिन अप्प परम पय परम पयं ॥ २ ॥ ॥आचरी॥ जय मयं मयं मय उव उवनं, जय सहन सहन जिन उवन सह । जय ऊर्ध ऊर्ध सुइ ऊर्ध जयं, जय उवन ऊर्ध जिन मुक्ति जयं ॥ ३ ॥ ॥ जिन ॥ जय ढलन ढलन जिन उव ढलनं, जय उवन उवन जिन उवन जिनं । जय लवन लवन जय उव लवनं, जय अलष लषिय जय सिद्धिगमनं ॥ ४ ॥ ॥ जिन.॥ जिनु इस्ट इस्ट जय इस्ट उवनं, जिन उवन उवन इस्ट उवन जिनं । श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी जय गिरय गिरय जिन गिर उवनं, जय उवन उवन गिर सिद्धि गमनं ॥ ५ ॥ || जिन.॥ जिन कंठ कंठ जय कंठ उवनं, उव उवन कंठ जिन जिनय जिनं । जिन रमन रमन जय उव रमनं, तत्काल रमन उव सिद्धि गमनं ॥ ६ ॥ | जिन.॥ जय ममल ममल सुइ ममल जयं, जय ममल साह जय साह जयं । सह साह जयं सिय उवन जयं, सिय उवन साहि जिन मुक्ति जयं ॥ ७ ॥ ॥ जिन.॥ सिय चरन जयं जय चरि उवनं, जिन उवन चरन जय जिन चरनं । धुव चरन, धुव चरन रमन जिन सिद्धि गमनं ॥ ८ ॥ ॥जिन.॥ जिन चरन रमन सम उवन चरं, सुइ न्यान चरन चौ उवन चरं । जय उवन लषन लषि लषिय चरं, जय अलष चरन जिन मुक्ति वरं ॥ ९ ॥ ।। जिन.॥
SR No.009713
Book TitleAdhyatma Vani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
PublisherTaran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
Publication Year
Total Pages469
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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