SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 11
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रीमती घुड़ीबाई खेमराज गिड़िया ग्रन्थमाला संक्षिप्त परिचय श्री खेमराज गिड़िया श्रीमती घुड़ीबाई गिड़िया जिनके विशेष आशीर्वाद व सहयोग से ग्रन्थमाला की स्थापना हुई तथा जिसके अन्तर्गत प्रतिवर्ष धार्मिक, साहित्य प्रकाशित करने का कार्यक्रम सुचारु रूप से चल रहा है, उस ग्रन्थमाला के संस्थापक श्री खेमराज गिड़िया का संक्षिप्त परिचय देना हम अपना कर्तव्य समझते है : जन्म : सन् १९१९ चांदरख (जोधपुर) पिता - श्री हंसराज, माता - श्रीमती मेहंदीबाई शिक्षा / व्यवसाय : मात्र प्रायमरी शिक्षा प्राप्त कर मात्र १२ वर्ष की उम्र से ही व्यवसाय में लग गए। __ सत्-समागम : सन् १९५० में पूज्य श्री कानजी स्वामी का परिचय सोनगढ़ में हुआ। ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा : मात्र ३४ वर्ष की उम्र में सन् १९५३ में पूज्य स्वामीजी से सोनगढ़ में ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा ली।। परिवार : आपके ४ पुत्र एवं २ पुत्रियाँ हैं। पुत्र - दुलीचन्द, पन्नालाल, मोतीलाल एव प्रेमचंद। तथा पुत्रियाँ - ब्र. ताराबेन एवं मैनाबेन। दोनों पुत्रियों ने मात्र १८ वर्ष एवं २० वर्ष की उम्र में ही आजीवन ब्रह्मचर्य की प्रतिज्ञा लेकर सोनगढ़ को ही अपना स्थायी निवास बना लिया। विशेष : भावनगर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में भगवान के माता-पिता बने। सन् १९५९ में खैरागढ़ जिन मंदिर निर्माण कराया एवं पूज्य गुरुदेवश्री के शुभ हस्ते प्रतिष्ठा में विशेष सहयोग दिया। सन् १९८८ में २५ दिवसीय ७० यात्रियों सहित दक्षिण तीर्थयात्रा संघ निकाला एवं अनेक सामाजिक कार्यों के अलावा अब व्यवसाय से निवृत्त होकर अधिकांश समय सोनगढ़ में रहकर आत्म-साधना में बिताते हैं। श्री जम्बूस्वामी चरित्र
SR No.009700
Book TitleJambuswami Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVimla Jain
PublisherAkhil Bharatiya Jain Yuva Federation
Publication Year1995
Total Pages186
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy