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________________ परिशिष्टम् [५] अज्ञातकर्तृकदीपालिकाकल्पस्याकाराद्यनुक्रमः ॥ श्लो० / पृ० श्लोकांशः अट्ठारसवरिसाई अन्यदा रथयात्रायां अभिसिंचिऊण दत्तं अममो १२ निक्कसाय १३ अह अवसप्पिणितुल्ला अह तत्थ पुरे नंदस्स अह पच्छिमंमि जामे अह पुण्णपालराया अह भइ जिणो एवं अह भाइ जिणो गोयम ! अह भाइ जिणो नरवर ! अह मह निव्वाणा अह सिरिवीरं नमिउं आसन्नमरणकाले [ अ ] इत्थ दूसमकाल इय दीवालीकम्पो [आ] इंगारछारमुम्मुर इअ सुणिणं या इक्कारसओ गणहरा [इ] ६६/१३२ ५/१२३ ८१/१३३ ११५/१३६ १०७/१३५ ६७/१३२ १२४/१३७ २६/१२५ १२८/१३७ ४५ / १२९ २८ / १२५ ५२/१३० ४४ / १२९ श्लोकांश: इय सुणिऊण कोविओ इयवयणेणं कुविओ इह सुहम्म- जंबू उज्जुवालिनइतीरे उड्डगई इक्केण समएणं उप्पायविगमधुवमय साहू गा एवं कहिऊण [ उ] खवगुवसमसेढीओ ७३ / १३३ | खीरदुमसमा सड्ढा [ ए ] कमलायरे सुगंधो किं पुणमज्झुप्पण्णा कुसुमो य ९ विमलराया १० [ख] १०१ / १३५ १३७ / १३८ | घरपुरनयरनिवेसं [ क ] [ग] १०३/१३५ गय १ कवि २ खीरहुम ४३ / १२७ | गिहिवयगुरुत्त बारस २३ / १२५ गोवाडे खेविऊणं [ घ ] श्लो० / पृ० ७९/१३३ ७८ / १३३ ८६/१३४ १९ / १२४ १३१/१३७ १ / १२३ ९६ / १३४ १२१/१३७ ३७/१२६ ३६/१२६ ११७/१३६ ४७ / १३० ३२ / १२६ २७ / १२५ ९८/१३५ ७४ / १३३ १११ / १३६
SR No.009693
Book TitleDipalika Kalpa Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandanbalashreeji
PublisherBhadrankar Prakashan
Publication Year2011
Total Pages304
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size2 MB
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