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________________ बीकानेर जैन लेख संग्रह ३५५ wwwwwwwwwwww जे स ल मेर श्री पार्श्वनाथ जी का मन्दिर ( २६१८) देवगृहिकाओं के द्वार पर संवत् १४७३ वर्षे चो० दीता सुतैः कर्मण पाउ ठाकुरसी जेठा शिवराज .. राज पाल्हाश्रापकः कारिता। ( २६१९) संवत् १४७३ वर्षे चो० कीता पुत्र लखा रामदेवाभ्यां कारिता देवप्रहिका । (२६२०) संवत् १४९३ वर्षे श्रेष्ठि मम्मणपुत्रेण श्रेष्टि जयसिंहेन स्वपुण्यार्थ कारिता देव (गृहिका)। ( २६२१ ) संवत् १४७३ वर्षे सा० पेथड़ पुत्र सचाकेन कारिता गणधर नयणा सुत सालिगेन चार्दा कारिता देवगृहिका माता राजी पुण्यार्थ । (२६२२) संवत् १४७३ वर्षे सं कीहड सं० देवदत्त उषभदत्त धाधा कान्हा जीवं....जगमाल सं० कपूरी माल्हणदे करमी प्रमुख परिवारण स्वपुण्यार्थ देवगृहिका कारिता । (२६२३) (परिकर पर दोनों तरफ) (क) ॥६॥ संवत् १४७९ वर्षे श्री खरतर गच्छे श्रीजिनराजसूरि पट्टालंकार भट्टारक ____ श्री श्रीजिनभद्रसूरि प्रतिष्ठितम् । डागा सा. आल्हा कारित श्री आदिनाथस्य परिकर (ख) श्री जिनभद्रसूरि राजोपदेशात् डा० सा० मोहण पुत्र सा० नाथू सा० देवाभ्यां सा० कन्ना सुत सा० नग्गा सा० चाल्हा चाचा सा० मंडलिक पुत्र काजा सा० कूड़ा पुत्र सा० वीदा जिणदास भादा प्रभृति श्राद्धैः...।। ( २६२४) संवत् १४७३ म. सा. सीहा पुत्रेण सम सोमा श्रावकेप कारिता । (२६२५ ) संवत् १४७३ डागा भोजा सुत मदा श्रावकेण निज भार्या मीणल दे पुण्यार्थ देहरिका "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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