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________________ afterनेर जैन लेख संग्रह हनुमान गढ़ श्री शान्तिनाथजी का मन्दिर पाषाण प्रतिमाओं के लेख ( २५२६ ) सपरिकर मूलनायक जी ॥ ६० ॥ सं० १४८९ वर्षे मार्ग० सुदि ११ गुरौ रेवत्यां । श्री तातेहड़ गोत्रे सा० ( भा ? ) पुत्र झार गोसलणीधर. भघा गोसल भक्त घूट्ठ सालिग सारंग संघ ( ? जी ) प्रभृति तत्र श्री शान्तिनाथ वियं कारितं प्रतिष्ठितं वृहद्र (च्छे ) श्री भद्रेश्वरसूरि (?) ( २५२७ ) साधु.. संतति भ । संवत् १५६६ वर्षे आश्विन सुदि ४ भौमवासरे श्री वृहद्वच्छे श्री प्रानास- ( श्री मुनिदेवसूरि शिष्य वा० न्यानप्रभ श्री आदिनाथ बिंबं . सा........ पुत्र सा० वरगषण अभ्यथतेन सीयात्रसे रोषेन ? ॥ श्री ॥ धातु प्रतिमाओं के लेख ३५४ ( २५२८ ) श्री शान्तिनाथादि चौवीसो सं० १९०६ वर्षे मा० सुदि १० दिने श्रीमाल सं० जइता भा० पूजी पुत्र भीमा भा० धर्मिणि नाम्या श्री शान्ति बिंबं कारितं प्र० तपा श्रीजयचन्द्रसूरि शिष्य श्री उदयनन्दिसूरिभिः ||छः ॥ ( २५२९ श्री नमिनाथादि चौवीसी सं० १५०७ ज्ये० ब० ६ गुरौ प्रा० व्य० अभयपाल भा० अहिवदे पुत्र व्य० आका भा० जाटलदे चांपू पुत्र व्य० देल्हा जूठा साता खीमाके भा० देमति भरमादे सोनलदे लीलादे पुत्र वीरपाल लोहट वीरदासादि युतैः श्री नमिनाथ चतुर्विंशति पट्टे का प्रः तपा श्रीसोमसुन्दरसूरि शिष्य गच्छनायक श्रीरत्नशेखरसूरिभिः ||श्रीरस्तु । श्री ।। ( २५३० ) || ६ || सं० १५३४ वर्षे मार्गसिर वदि ६ सोमे उसवाल ज्ञातीय आयरी गोत्रे लुणुगर संताने सा० घड़सी भा० वीझलदे पु० जयता भा० जेतलदे पु० रणमल्ल सूहड़ युतेन आत्मपुण्यार्थ श्रीकुंथुनाथ बिंबं कारितं । श्रीउसवाल गच्छे कुकदाचार्य संताने श्रीकक्कसूरि पट्टे प्रति श्रीदेवगुप्तसूरिभिः ।।छः।। "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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