SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 525
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३४६ बीकानेर जैन लेख संग्रह शुद्ध समकित का थापक खरतर गच्छ मुकुटमणि जं० यु० प्र० भट्टारक श्री श्री जिनसौभाग्य सूरि जी महाराज रिणी पधार्या...५ दिन चढ्यां श्रावकां बड़े हगाम सुं सामेलो कीयौ । बीकानेर साधु साधे वा श्री " चन्द जी गणि ठा० ५ पं० प्र० श्री भीमजी मुनि ठा० २ पं० प्र० श्री ज्ञानानंदजी मुनि ठा० ४ पं० प्र० श्रीकुशलाजी मुनि ठा० २ पं० प्र० श्री कस्तूरजी मुनि ठा० ३ पं० प्र० श्रीहंसराजजी गणि ठा० ३ ० पं० प्र० श्रीदेवचंदजी मुनि ठा० २ पं० प्र० श्री माण जी मुनि ठा० २ पं० प्र० श्री खेमजी मुनि ठा० १ पं० प्र० श्री .जी मुनि पं० प्र० श्री श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, रिणी ( तारानगर ) ( २४६७ ) श्री वीर सं० २४६९ श्री विक्रम सं० १९९९ जेठ मासे कृष्ण पक्षे तिथौ ७ गुरुवासरे श्री बीकानेर राज्ये तारानगरे ( रिणी ) श्री दिगम्बर जैन धर्मपरायण श्रावक वंशो श्री अग्रवाल श्री रावतमल जी तस्यात्मज श्रीराम जी तस्यात्मज श्री कुन्दनमल जी ब्रजलाल जी प्रतिष्ठितं श्री श्री १००८ पार्श्वनाथ जी भगवान श्री कुन्दकुन्दान्नायानुसारेण || नौ हर श्री पार्श्वनाथ जी का मन्दिर पाषाण प्रतिमादि लेखाः ( २४६८ ) शिलापट्ट पर ॐ संवत् १०८४ फाल्गुन सुदि १३ रवौ सयंथ वाहडकेन करापितः । सूत्रधार गोहर - लाइच सुतेन ॥ ९ ( २४६९ ) संवद १६९० वैशाख सुदि ५..... वई कुहाड़ बसतराय रे बेटे विठीचंद प्रतिष्ठा कराई नौहर मध्ये | ( २४७० ) सं० १२२० लग ( ? ) वदि २.....। सं० १५४४... ...... ( २४७१ ) "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy