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________________ बीकानेर जैन लेख संग्रह धातु प्रतिमाओं के लेख (२१९२ ) चौवीसी सं० १५०३ वर्षे माघ बदि ५ श्रीश्रीमाल ज्ञातीय व्य० पद्मा भार्या पोमादे सुत व्य वांसहा के फत्ताकेन भार्या झबकू जइतू आसा सुत व्य० देवराज सहितेन मातृ पित्रौः श्रेयसे श्रीसुविधिनाथ चतुर्विंशतिपट्टः का० श्रीपिप्पलगच्छे श्रीसोमचन्द्रसूरि पट्टे श्रीउदयदेवसूरिभिः प्रतिष्ठिता। (२१९३ ) सं० १५७६ वर्षे श्री खरतर गच्छे बोहित्थरा गोत्र साह० जाणा भार्या सक्ता दे पुत्र सा. अमराकेन भार्या उछरंगदे सुत कीकादि युतेन श्री आदिनाथ बिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीजिनहंससूरिभिः ॥माह बदि ११ दिने । (२१९५) रौप्य नषपद यंत्र __मु० सालमचंदजी कोचर श्री महावीर सेनीटोरियम ( राष्ट्रीय सड़क-उदरामसर धोरों में ) श्री श्वेताम्बर जैन मन्दिर ( २१९५) मूलनायकजी ९० संवत् ११ ( १५ ) ४५ उ । मोटदेदि ॥ ( वदि ५ ) यम अबदादसा श्री भोगावे (?) ( २१९६) धातु पंचतीर्थी सं०....'च ब १२ सोमे उ० भ० गोत्रे सा० सालिग भा० राजलदे पु० सा० जेसा श्रावण श्री आदिनाथ बिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्री खरतर गच्छे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः (२१९७) दादा साहब के चरणों पर ___ सं० २००५ मि । जे । सु १० जं। यु० प्रधान भट्टारक गुरुदेव दत्तसूरि चर्ण पादुका भीखनचन्दजी गिड़िया प्रतिष्ठा कारापितं । ( २१९८) चरणों पर सं० २००५ मि । जे । सु १० खरतर गच्छाधिपति परमपूज्य गुरुदेव श्री सुखसागरजी मा० सा० के चर्णपादुका श्री भीखनचन्दजी गिड़ीया प्रतिष्ठा करापितं । "Aho Shrut Gyanam
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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