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________________ २७२ बीकानेर जैन लेख संग्रह (१६६०) सं० १३७१ श्री वृहद्गच्छे से अहहू भा० वसुमति पु० शरतसिंघ सहितेन खेतसिंह भार्या लखमसिरि पुत्र राजड़ युतेन मातुः श्रेयसे आदिनाथ का० प्र० श्रीअमरप्रभसूरिभिः । (१९६१) संवत् १५१२ वर्षे फा० सु० १२ दिने श्रेष्टि गोत्रे सा० पाता भार्या पाल्हणदे तत्पुत्र श्रे० सहजपाल श्रे सालिग श्रावकेन भार्या संसारदे तत्पुत्र श्रे० सदादि परिवार युतेन श्री वासुपूज्य बिंब कारितं श्रीखरतर गच्छे श्रीजिनभद्रसूरिभिः प्रतिष्ठितम् ।।। श्री सम्मेतशिखर जी का मन्दिर (श्री गौड़ी पार्श्वनाथ जी के अन्तर्गत ) पाषाण प्रतिमादि लेखाः ( १६६२) शिलापट्ट पर १ सं० १८८६ वर्षे शा। १७५४ मिते माघ शुक्ल ६ बुधे राजराजेश्वर म२ हाराजशिरोमणि श्रीरत्नसिंह जी विजयराज्ये से । गो। सा। बालचंद्र पु३ अ केशरीचंद्र पुत्र अमीचंद चतुर्भुज रायभाण करमचंद रावत अ४ गरू भ्रातृ युतेन विक्रमपुरे श्रीसम्मेतशिखरस्य विंशति जिनचरण ५ न्यासः प्रासादः कारितः प्र० वृहत्खरतर गच्छेश ज० यु० भ० श्रीजिनहर्षसूरिभिः ।। (१९६३) मूलनायक जी सं० १८८७ वर्ष आषाढ.......... ... श्री सांवलिया पार्श्वनाथ बिंब बा । सहज....." (१९६४) सं० १९०५ मि० वैशाख सुद १५ श्री आदिनाथ बिंब से । अमीचंदजी सपरिवारेण कारित गुरु पादुका मन्दिर के लेख (१९६५) पट्टावली पटक (७० पादुका ) ॥ संवत् १८६६ मिते वैशास्त्र सुरि ७ दिने श्री बीकानेर नगरे श्री बृहत्खरतर गच्छाधीश्वर भट्टारक श्रीमत् श्रीजिनचंद्रसूरि पट्टालंकार भ। श्री जिनहर्षसूरि सद्धर्मराज्ये सकल श्रीसंघन सहर्ष श्रीमद् देव गुरुणांचरणन्यासा कारिता प्रतिष्ठितं च उ० श्रीक्षमाकल्याणगणिभिः श्रेयोर्थ ।। "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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