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________________ श्री महावीर स्वामी का मन्दिर ( आसाणियों का चौक ) पाषाण प्रतिमा का लेख ( १८८८ ) श्री मुनिसुव्रत स्वामी संवत् १६७४ वर्षे माघ ब०१ दिने श्री......... . . . . भीमुनिसुव्रत स्वामि .......... . धातु प्रतिमाओं के लेख (१८८६) श्री शीतलनाथ जी सं० १५३४ वर्षे ज्येष्ठ सुदि १० दि० श्रीऊकेश वंश दोसी सा० भादा पुत्र सा० धणदत्त श्रावकेण पुत्र सा० वच्छराज प्रमुख परिवार युतेन श्री शोतल बिवं माह अपू पुण्यार्थ कारित प्र. खरतर श्री जिनचंद्रसूरिभिः । ( १८६० ) पीतल के सिंहासन पर सं० १३६० आषाढ सु०८ सुराणा गुणधर सुत थिरदेव भार्या द्रेही पुत्र सा. पदाकेन सा० पद्मलदेवि पुत्र सूरा साल्हा .............."स्वश्रेयाथं मल्लिनाथ का० प्रति० श्रीधर्मघोषसूरि पट्टे श्रीअमरप्रभसूरि-शिष्य श्री ज्ञानचंद्रसूरिभिः (१८६१) __ श्री पार्श्वनाथजी सं० १६१६ वर्षे श्री पार्श्वनाय बिवं प्रतिष्ठितं श्री जिनचंद्रसूरिभिः (१८९२) छोटा प्रतिमा पर भीमूलसंधै भट्टारक शुभचंद्र पच्छिष्या बाई दाही नित्यं प्रणमति ।। "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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