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________________ बीकानेर जैन लेख संग्रह सं० १५०६ वर्षे मार्ग सु० ६.श्री उपकेशगच्छे । सूआ गोत्रे सा० गिरराज पु० दाला भा० हीरादे पु० आमा। सूराभ्यां श्री कुन्थुनाथ का० प्रति० श्री ककसूरिभिः ।। ( १७३२ ) सं० १४४२ वर्षे सास सुदि १० सुराणा गोत्रे साण लूलू भार्या सा० सूलणदे पुत्र सा० बांगणेन स्वपित्रोः श्रे० श्री चन्द्रप्रभ बिंबं का० प्र० श्रीधर्म...... (घोष?) श्रीसागरचंद्रसूरिभिः।। ( १८३३) खण्डित परिकर की पंचतीर्थी सं० १४६३ मा ।.............. ....'लेन श्री शांति बिका०प्र० ऊकेश गच्छे कुकुदाचार्य सं० देवगुप्तसूरिभिः ।। (१८३४) ____ सं० १५४८ वर्ष वैशाख सुदि ५ लौकड़ गोत्रे। मंत्रि शिवराजन्वये सा। गगम पुत्र तोज पापालेन पुत्र सधाण सहितेन पितृ मातृ पनाथर्थ ( ? पुण्यार्थ) श्री पार्श्वनाथ बिंबं कारित प्रतिष्ठितं नाणावाल गच्छे श्री धनेश्वरसूरिभिः ।। समस्तक (?) सं० १४८७ वर्षे मार्गशीर्ष सुदि ५ सोमे श्री ऊकेश ज्ञातौ दूगड़ गोत्रे सा । कृत्त। भार्या तोलियाही नानी० गजसिंहेन भ्रातृ ऊदा श्रेयोथं श्री श्रेयांसजिन बिबं कारित प्र० रुद्रपल्लीय श्री हर्षसुंदरसूरि पट्टे श्री देवसुन्दरसूरिभिः ।। श्री॥ सं० १५२४ बैशाख सुदि ६ गुरौ उपकेश झातौ । आदित्यना गोत्रे सा० लापा पु० मेहा भा० माणिकदे पु० सा० चापाकेन भा० चोपलदे रोहिणीयुतेन पित्रोः श्रेयसे नमि बिबं का० प्र० उपकेश ग० ककु श्री कमसूरिभिः । संवत् १३६७ फागुण सुदि ३ श्रीमूलसंघ खींडेलवालान्वये स.........णघउ राजा सुत को दुवौ ..... - णम | प्र॥ __ श्री मुनिसुव्रत पंचतीर्थी ॥ सं० १५१६ मार्ग बदि १ रवौ सत्यपुरोय ऊकेश ज्ञातीय सा० नरा मा० डाही पु० सा० नीबाकेन भा० धरण प्रमुख कुटुंब युतेन श्री मुनिसुव्रत विषं का०प्र० श्री तपागच्छे श्री श्री श्रीमुनि सुंदरसूरि प? श्री श्री श्री रबशेखरसूरिराजेद्रैः ।। "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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