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________________ १६० बीकानेर जेन लेख संग्रह (१४२१ ) विजय सेठ विजया सेठाणी के पाषाण पादुकाओं पर संवत् १९३१ रा वर्षे मि०। प्रथम आषाढ़ बदि ६ तिथौ सोमवासरे विजय सेठ विजय सेठाणी चरण न्यास प्रति० भ० श्रीजिनहंससूरिभिः वृ० खर। भ० गच्छे । गो। ज्ञानचंद जी कारापितं स्व श्रेयार्थे । (१४२२ ) श्री स्थूलिभद्र जी के चरणों पर सं० १९३१ व। मि । वैसु ११ ति० ! श्री स्थूलिभद्र जी ।। बृहत्खरतर गच्छे भ० श्री जिनहंससूरिभिः गो० ज्ञानचंद जी कारितं श्रेयोर्थम् ।। ॥ मूल गर्भगृह के बाहर बाएं तरफ आले में ॥ ( १४२३) __ श्री गौतम स्वामी की मूर्ति पर ॥ सं० १६६० फागुण बदि ७ दिने को० ठाकुरसो भार्या ठकुरादे श्री गौतम गणधृद्बिबं कारितं प्रतिष्ठितं यु० श्री जिनराजसूरिभिः ( १४२४ ) श्री जिनसिंहसूरि के चरणों पर संवत्.... ( १६८६ चैत्र बदि ४ दिने युगप्रधान श्री जिनसिंहसूरिणां पादुके कारिते जयमा श्राविकया भट्टारक युगप्रधान श्री जिनराजसूरिराज ....... ॥ मूल गर्भगृह के बाहर दाहिने तरफ आले में । (१४२५) त्री जिनचन्द्रसूरि मूर्ति पर . सं० १६८६ वर्षे चैन बदि ४ दिने श्री खरतर गच्छाधीश्वर युगप्रधान श्री जिनचंद्रसूरीणां प्रतिमा का० जयमा श्रा० युगप्रधान श्री जिनराजसूरिराजः । - गर्भगृह के बाहर काउसग्ग ध्यानस्थ मूर्तियों पर (१४२६ ) श्री भरत प्रतिमा ॥ संवत् १६८७ वर्षे ज्येष्ठ सुदि १० भौमे उत्तराफाल्गुन्यां श्री खरतर गच्छे श्री भरत चक्रभृत महामुनि बिंब कारितं समस्त श्री संघेन प्रतिष्ठितं श्री जिनराजसूरिभिः "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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