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________________ बीकानेर जैन लेख संग्रह 135 ( 1088 ) संवत् 1534 आषाढ सुदि -2 दिने ऊकेश वंशे चोपड़ा गोत्रे सा० आंबा भा० अहवदे तत्पुत्र सा० ऊधरण भ्रातृ सा० सधारणेन भार्या सुगुणादे पुत्र फलकू कीतादि परिवार युतेन श्रीकुंथुनाथ बिंबं का प्रतिष्ठितं खरतर गच्छेश श्रीजिनचंद्रसूरिभिः॥ ( 1086) // सं० 1534 वर्ष माघ सु०६ उ० ज्ञा० रांका गोत्रे साह कोहा भा० कपूरी पु० पासड़ भा० रपु पु० पेथा द्वि० भा० साल्हणदे पु० वोसलनरभ० ताल्हादि युतेन स्वतो श्रेयसे श्रीसंभवनाथ बिंब का० उपकेश (ग) च्छे ककुदाचार्य सं० प्रति० श्रीदेवगुप्त सूरिमिः / / 1060) सं० 1534 वष फागुण वदि 3 शुक्रे प्राग्वाट ज्ञा० को० धर्मा भा० धर्मादे पु० को० पेथा भा० हषू द्वि० प्रेमलदे सकुटुंब युतेन स्व श्रेयसे श्रीसुविधिनाथ विंबं का० प्र० ऊ० श्रीसिद्धाचार्य संताने भ० श्रीसिद्धसूरिभिः॥ ( 1061) सं० 1535 वर्षे आषाढ सुदि 5 गुरौ / ऊ सा० पाल्हा सुत जेसा भा० खेतडदे पु० खीमा भा० हरखू पुत्र मेरा नाल्हा सहितेन श्रीधर्मनाथ बिंबं कारा० प्रति० मडाहड़ी ( य ग ) च्छे झाखडिया भ० श्रीश्रीधर्मचंद्रसूरि पट्टे श्रीकमलचंद्रसूरिभिः / / 74 // ( 1062) सं० 1535 वर्षे मा० सु० 5 गु० डीमा० श्रे० झूठा भार्या अमकू सुत मं० भोजाकेन भार्या मवकू सुत नाथा भ्रा० वड़यादि श्रेयसे श्रीअर बि० का०प्र० तपागच्छे श्रीरत्नशेखरसरि प्र० श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः प्रतिष्ठितं / / (1063) // सं० 1535 व० मा० सु० 5 उ० भंडारी गोने महं० सायर पु० मं० सादुल भा० जयतु पु० सोहा संदा समरादि युतेन स्व श्रेयसे श्रीसुपाश्य बिंबं का० प्र० संडेर ग० श्रीसालसूरिभिः / / ( 1064 ) सं० 1535 वर्षे माघ सुदि दशम्यां प्राग्वाट व्य० वाहड़ भार्या सलखणदे पुत्र्या व्य० धन्ना भार्यया पातु नाम्न्या मिताततोदि कुटुंब युतया श्रीशीतलनाथ बिंब कारितं प्रतिष्ठितं तपा श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः / "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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