________________
। ११२ ) आवां छां और पेली ओसवालां री तरफ सुं लावण, बीहा में वगेरह में म्हांनै मिलतौ छौ सु अबार इयां बरसां में कम मिलणे लाग गयो जै पर म्हे हरसाल पंचान ओसवालन नै केवंता रहा के हमारा बंदोबस्त कर देणा चाहीजै लेकिन वारी तरफ से बंदोबस्त नहीं हुवा सं हमै मेनुसीपल कमेटी री मारफत मिती भादवा बदि १२ सुं मिती भादवा सुदि ६ ताइरा रु० १००) अखरे रुपया एकसौ म्हे मास १२ रा सालीयाना ले लेसां और मितो भादवा बदि १२ सुं मिती भादवा सुदि ६ ताइ कोई बेपारी जीव होत्या नहीं करसी और श्री रसोवडै री दुकान १ वा अजंट साहय वहादुर री दुकान १ जारी रहसी जै में रसोवडै री दुकान रो रसोवड़े सिवाय दूजे ने नहीं देसी वा० अजंटरी दुकान वालो सवाय हुकाम अंगरेज बहादुर और ने नहीं देसी। केई सालमें भादवा दोरै कारण वा सावण दो रे कारण पजूसण दो होगा तो अगता दोनु पजोसण में बरोबर राखसा रु० १००) सुजादा नहीं मांगसां ईयै में कसर नहीं पडसी अगर इय में म्हे कसर घातां तो सिरकार सुं सजा कैद वा जरीवानै री मरजी आवै सु देबै। औ लिखत म्हे म्हारी राजी खुसी मुंकीयो छै। इयै में म्हे कहीं भाव कसर नहीं घातसां सं० १६४६ मिती आसोज सुदि १ ता० ३० सितम्बर सन् १८६२ ईस्वी।
द० खुदाबगस वलद भीखा वकलम"......"द० पीरबगस द०""वगस
द० इलाहीबगस द० मोलाबगस वल्द मदारी वकलम धायभाई छोगो
खत वा० फोजू वल्द गोलु वा० कायमदीन वल्द खाजु वा० हाजी अजीम वलद वासल बकलम इलाहीबगस। द० रहीम बल्द इलाईबगस वा० मोलाबगस वल्द नूरा वा० समसु वा० कादर वा० अबदुलो वा० कायमदीन वल्द अजीम कलम धायभाई छोगो। __दु० रैमतउल्ला वकलम खाजू । द० करमत उल्ला वकलम खाजू !
द० खाजू बल्द रईम वा० लखा वल्द अजीम वा० इलाईबगस वल्द इमामबगस वकलम इलाईवगस वमुजब केणै च्यारां के द० करीमबगस द० गुलाम रसूल
"Aho Shrut Gyanam"