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बीकानेर जंन लेख संग्रह
इस गजिवश्वश्यसि दियश्साया साये गयरबे नं। ३ ३ ६ सघतिश्रुतीनां यः । चरिमते गिगुणवान मे विसाव यो तीनों मेतः मनुष्य त्रिकंसनिकं ३ दशकम ३कस्मै लगनामक नामक गाडि साता मातयारिकतर चे ३:१ वानरकानश्व दिनावरम समयेादशा सन्तान बिविला बार स१२ वरमसमयम्मि सिद्धिदविवदियान महत नीशा ३४ वा वानर का नुपूर्वी विना चरमसमये हाद त्रायो महावीरपताः प्रती ऋपित्रा सिगितावीरनमता किं विशिष्टवीरेदिदियवेदि श्रीमपि ॥ ॥ वेलदेखि मिनि
संवत् १६१२३ श्री जसलमेरुमगीरामल श्रीनिमालिका सरिपुरंदरा विश्नसमतिधीर पाश दिवारे ॥ श्रीस्तान् ॥ ॥लाबोल ॥ ९ ॥ युगप्रधान श्री जिनचंद्रसूरिजी लिखित कर्मस्तव वृत्ति सं० १६११ ( प्राचार्य पद से पूर्व )
नदियो दो
माष्यम्पामा पनि निविता माताश्रमण संघ पदानि सीमाखासमा उनका
प नियम्मद गुलामासमा जातामिमामारतमा म मदान मंदिमंद किंनामे शुरुमा वैदित्रापावयानमा मागमा साकारणारा वामाश्च महिना शुरू नइरतमाम मलाल ३सरी विद्यानलाउन सिंवपावलीउ इतना मान उसी माखमा समादा Ms यंम टिमदमापादयमिक पाठ्दा कारबाहि मं समवमग्माना पाउ बेलगदिय यह मिंदमकिः नाथरिका सांघायनम्म मरिचक परिव। पवनिनिवारा नादान उमासमदाउनपावसाचावयमटिमका उम्म ग्रां कारभि ।। व माम मदानंद क्रान्नानिभित्र कार मिकाउ म्गाद्याय विनियमननिमिक अनि सामाग्तमा कारण निमिक्रममाप्यदान" म्याम मन पविनियनिभिसमा निषद्य मदिनास मद मर शुरुतिशिवारा परिकलकारान शुरुमा हिण्डयामान्नमनिमिका एनेमीयान उपनामलगावलाप वंदावधि यदादिकन्न परंपरागयमनय का निवारासीमा मामला गंदाsis किस मान्दा उनकी हंनिया गंध कपूर माया दिदा सामादिना कयलमrminas मी मारमा समान नाम हवक (733वास दिवानात जादावियनाभंकार नियनिमिकानिमन्नम्मी सम्मा पपिलिटिकाचं जायनिका करुवाल मावन वदलाउन ल कामादात्री मारुवं वामं दिमाइ वश्कारणमदाबादल दिनांक नियनिमिद्याप समायना गुरू का मामा मामनःशाविका विकाद्यना र बेनिम मदिनाव मातो यानि च तुम्नाया गारी निवास बाकार जहाम त्री० मं वदा का इत्याचार्य नाविविसमा मानव काल प्रियाला वायुरुवंदन कदानं नननादिका माविका ॥ इनिपायर नाव ॥aar विदा भरला घाट दि१४ वाजिनननिर्लिन मि। ०माधुनिक वाचनाय १ साखीनेथतिः।।
शासनप्रभावक श्री जिनभद्र सूरिजी की हस्तलिपि
(सं० १५११ लि० योगविधि )
"Aho Shrut Gyanam".