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________________ (१०) सं० १५८३ ज्येष्ठ शु० ११ शुक्रवार के दिन उएस (उपकेशगच्छीय ) श्रीककुदाचार्यसन्तानीय उपकेशज्ञातीय अष्ठिगोत्रीय (सेठिया) शाह महताजू पुत्र सलखण भार्या पुंजारदेवी पुत्र हरिराजने भा० हेमादेवी पुत्र भीमराज सहित श्रीशांतिनाथ का पंचतीर्थी बिम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा श्रीयक्षदेवसूरि द्वारा हुई। सं०१५३६ श्रीश्रीमालज्ञातीय व्य. नाथा भा० धर्मिणीबाई पुत्र स्लामण मा० गूरीबाई, शिवदत्तने स्वभार्या कुअरिचाई आदि परिजनों के सहित श्रीआदिनाथ का बिम्ब अपने भ्राता रलामण के कल्याणार्थ पूर्णिमापक्षीय श्रीपुण्यरत्नमूरि के उपदेश से करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा विधिपूर्वक काकरग्राम में हुई। (१२) सं० १५२८ वैशाखशु०३ शनिवार के दिन श्रीश्रीमालज्ञातीय व्य० उदिरा ( उदयन) भा० फटूबाई पुत्र मोटाक ( मोटमल)ने अपने पिता माता एवं पितामह वापा और अपने कल्याण के लिए श्रीशांतिनाथप्रभु का बिम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा पिष्पलगच्छीय त्रिभविया भट्टारक श्रीधर्मसागरमरिके द्वारा भोयलीग्राम में हुई । "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009682
Book TitleJain Pratima Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindrasuri, Daulatsinh Lodha
PublisherYatindra Sahitya Sadan Dhamaniya Mewad
Publication Year1951
Total Pages338
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size5 MB
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