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मैन-धातु प्रतिमा लेख
संवत् १५१३ वर्षे प्राषाढ़ सुदि १० बुघे प्राग्वाटज्ञातीय व्य० गंगा भा०कमली सुत व्य० समधर भाराहि (यहां पर सुन्दर दिव उत्कीर्णित है जिसका भाव इस प्रकार है कि १ मानव छत्र चामर लेकर खड़ा हुआ है शायद इन्द्र ही हो ) प्रमुखकुटुम्बयुतन श्रीअंचलगन्देश श्रीजयकेसरिसूरीणामुपदेशेन का. श्रीकुथुनाथबिंब का०प्र० श्री सपेन श्री।
सवत् १५१३ वर्ष आषाढ़ सुद २ श्रीउकेशवंशे झारकगोत्र सा० जगमाल पुत्र मा० जेठा सा० ऋदम्य स्वापुण्यार्थ श्रीवासुपूज्यवियं कारितं प्रति० श्रीखरतरगच्छे श्रेजिनराजसूरिपट्टे श्रीजिनभद्रसूरिभिः॥
(१४६.) संवत् १५१४ अत्ववाहग्रामवासि सा० लीला भा० अमरी पुत्र सा० नाथू नाम्ना भा० चनू पु० डुंगरादियुतेन भ्रातृउगमश्रेयसे मुनिसुव्रतबिं का०प्र० श्रीतपागच्छेश श्रीरत्नशखर सूरिभिः ।। पुरंदारे (?)
(१५०) संवत् १५१५ वर्षे फागुण शुद ८ शनी श्रीश्रीमालज्ञातीय पितृ मणोरस। भ्रातृ मेधू श्रेयोर्थ सुतवेला लखु सुमधुर भोजा वा............ विमल नाथ (बिंब) का० श्रापूर्णिमा श्रीसाधुरलसूरिपट्ट' श्रीसाधुसुन्दरसुरोगामुपदेशेन कारितं
सवत् १५१५ वष आषाढ़ सुद २ प्राग्वाटज्ञातीय श्रे० शेखा भार्या मोनो सुत धर्माकन भार्या मटकू भ्रातृ पुत्र सुन पोपटठकुर भाया मगरमादिकुटुम्बयुनिस्वयसे .श्रीविमलनाथविष का० प्र० तपागच्छे श्ररत्नशेखरसूरिभिः ।। नारंगपुरे ।।
१४७. प्राचीन दिगम्बर जैन मन्दिर बालापुर १४८. जैन मन्दिर धनज बाजार (अमरावता) १४६. जैनमन्दिर ब्रह्मचर्याश्रम चांदवड़ नासिक १५.. चिन्तामणि पार्श्वनाथमन्दिर गुलालवाड़ी बम्बई १५१. पाश्वेनाथ जैनन्दिर भद्रावती
"Aho Shrut Gyanam"