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देवीकोट
श्री आदिनाथजी का मंदिर |
प्रशस्ति नं० १
[ 2575 ] *
( १ ) ॥ संवत् १०६० मिते वैशाख मासे सुदि पके ७ तिथौ गुरुवारे महाराजाधिराज महारावल श्री
( 2 ) मूलराजजी विजे राज्ये श्रीदेवीकोट नगरे समस्त श्रीसंघेन श्रीकृषन जिनदेव गृ ( ३ ) हं कारितं प्रतिष्टितं च श्रीमद्वृत्खरतरगष्ठाधीश जट्टारक श्री जिनचन्द्र ( ४ ) सूरि पट्टप्रजाकर श्री जिनदर्षसूरिभिः श्रेयोस्तु सर्वेषाम् शुनं जयतु श्रीः श्रीः॥
प्रशस्ति नं० २
[ 2576] +
(१) ॥ श्रीम द्विघ्ने विद्वेनमः ॥ श्रीमन्नृपति वीर विक्रमादित्य
* देवीकोट जेसलमेर से पूर्व की तरफ बारह कोस पर | वर्त्तमान समय में यहां यस्ती अधिक नही है । ग्राम के एक तरफ यह मंदिर स्थित है। मंदिर के भीतर दाहिने तरफ उत्तर दीवार में यह शिलालेख पीले पाषाण में है । + यह प्रशस्ति भी मंदिर के भीतर पूर्व की दीवार में लगा हुआ है ।
"Aho Shrut Gyanam"