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[ ३३ ] मूर्तियों पर |
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( १ ) ॥ ॐ ॥ संवत् १४ वर्षे मार्गशीर्ष वदि ३ बुधवारे श्री केशवंशे । (१) ॥ चोपड़ागोत्रे सा० दीतात्मज सा० पांचा तद्भार्या रूपी तत्पुत्र सा० सिवराज
महराजलालाप |
(३) ॥ सुश्रावकैः पुत्र यशसह सासह जपाल सिषराइमुरापरिवारसहितैः कायोत्सर्गस्था ( ४ ) ॥ श्रीपार्श्वनाथप्रतिमा कारिता स्वपुण्यार्थं सा० लोला नार्या खोलादे गुणकादे || प्रतिष्ठिता खर
( ५ ) ॥ तरगढ श्री जिनराजसूरिपट्टे श्री जिन नडसूरिनिः ॥ श्री जेसलमेरुनये ( गरे ) श्री रसिंहराज्ये ॥
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( १ ) ॥ ॐ ॥ सं० १४९७ वर्षे मार्गशीर्ष वदि ३ दिने बुधवारे श्री केशवंशे चोपड़ागोत्रे सादीता
(२) त्मज सा० पांचा तार्या रूपी तत्पुत्रैः सा० सिवराजमदिराजमोलाबापण सुश्रावकैः कः पुत्र घरा
(३) सहसा सहजपाल सिषरासमराइमुरापरिवारसहितैः कायोत्सर्गस्थिता श्रीसुरार्श्व प्रतिमा
* मंदिर के रंगमंडप में पीले पात्राण की बाई तरफ खड़ी सफण कायोत्सर्ग मूर्ति के चरण चौकी पर यह लेख खुदा हुआ है। मूर्ति लगभग ५ फुट ऊँची और १४ फुट चौड़ी है
* मंदिर के रंगमंडप में दाहिने तरफ पीले पाषाण की खड़ी सफण बड़ो कायोत्सर्ग मूर्ति के चरण चौकी पर यह लेख खुदा हुआ है। ऊँचाई चौड़ाई बाई तर्फ को मूर्ति के बराबर है।
"Aho Shrut Gyanam"