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(२०४) खंडप-मारवाड। धातु की प्रतिमा पर ।
[2110] सं० १५२७ वर्षे वैशाखु सुदि ३ श्रीसवाल ज्ञातीय साह हंसा पु० उधरण देदा वेला जात वाइनु मोदरेचा गोत्रे साद साधु ना नामल दे पुत्रिका नानुं यात्मपुण्यार्थे श्री चंद्र प्रजु विंबं कारितं श्री नाणकीय गछे धनेश्वर सूरिनिः॥
{2111] ___ सं० १५२७ वर्षे . . • उपकेश झातीय बाजेड़ गोत्रे पना ना सुइवि दे पु० नरसिंग विनणा सहितेन श्री मुनिसुव्रत विंबं कारितं प्रतिष्ठितं पबीवाल गजे श्री यशोदेव सूरि पट्टे श्रीश्री नन्न सूरिभिः ॥
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मांकलेश्वर-मारवाड।
जैन मंदिर। धातु की प्रतिमा पर।
[1187] सं० १५३० वर्षे फागुण सुदी १० श्री ज्ञानकीय गछे उ. उसज गोत्रे सं० जांमा जाए पदमिनी पु० सादा पोथा स्था प्रतिष्ठितं श्री शांतिनाथ विवं कारितं प्रसिद्धसेन सूरि पट्टे श्री धनेश्वर सूरिनिः॥
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॥ श्री जैन लेख संग्रह द्वितीय खण्ड समाप्तः । SSEEEEEEEEEEEEEEEEESLEESHESE
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