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[ 2007 ]
सं० १६६३ वर्षे वैशाख वदि ११ दिने श्री श्रीमाल ज्ञातीय व्य० टाहापान जाए चोबु निमित्तं सुत लिंबा राणा जाजल सहितेन श्रात्मश्रेयोर्थं श्री श्री आदिनाथ विं कारितं प्रतिष्टितं ब्रह्माण गछे ज० जाजीग सूरिजिः स्थिराज वास्तव्यः ॥
श्री महावीर स्वामी का मंदिर ।
पंचतीर्थयों पर
[ 2008 ]
सं० १३२० वर्षे फागण सुदि १ शुक्रे ब्रह्माण गछे श्री जऊक सूरि गुरौ श्रीमाल ज्ञातीय विपनालक वास्तव्य याचा सुत देवघर श्रेयोर्थे खासघर सुत जाणेन पितृव्य श्रेयोर्थे महावीर बिंबं कारितं प्र० श्री वयरसेोपाध्याय प॥ि
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सं० १३४४ वर्षे जे० व० ४ शुक्रे ओसवाल ज्ञा० श्रे० वीरमस्य सुत बीजडेन निजमातु चयज देवि भयोर्थं श्री पार्श्वनाथ बिंबं कारितं प्र० मलधारि श्री रत्नदेव सूरिद्धिः ॥
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सं० १४७६ वर्षे चैत्र वदि १ शनौ उपकेश झा० वडालिया गोत्रे सा० जेता जा० जश्ती. श्री सुत जीमा जा० सनपतच्या श्रेयोर्थं श्री खादिनाथ बिंबं कारितं प्रति० मत्रधारि गठे श्री विद्यासागर सूरिचिः ॥
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सं० १४०३ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ए जौमे श्री श्रीमाल ज्ञातीय सिंघा जा० मेला दे पितृमातृ श्रेयसे सुत क्षषमपेन श्री शांतिनाथ विकारितं प्र० ब्रह्माण गछे श्री वीर सूरिनिः ॥
"Aho Shrut Gyanam"