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________________ ( ५ ) आबू-रोड। श्री आदिनाथ जी का मंदिर-धर्मशाला । पंचतीर्थी पर। { 2012] सं० १५०ए वै० व ११ शुक्र श्री कोरंट गछे श्री नन्नाचार्य संताने । उवएस वंशे । शंखवालेचा गोत्रे श्रेण लषमसी नाव सांसल दे पुत्र रामा ना राम दे पुण् तेजा नाम्ना स्वमातापित्रोः श्रेयसे श्री वासुपूज्य विंग का०प्र० श्री सांबदेव सूरिनिः । चौवीशी पर। [2013] ॥ संप १५२७ वर्षे माघ सुदि १३ मुगै श्री उदयसागरगुरूपदेशेन श्रीमाल ज्ञातीय श्रेण · मेघा ना माणिकदे सुत श्रेण नाईयाकेन ना बाहा सु० गहिगा राघव गया तथा जा नामक्ष दे प्रमुख कुंटुबयुतेन श्री संभवनाथ चतुर्विंशति पट्ट कारिताः प्र० श्री बृहत्तपा गठे ज्ञानसागर सूरिभिः । आबू-तीर्थ । श्री आदिनाथजी का मंजिर-देखवाड़ा । ___ पाषाणकी कायोत्सर्ग मूर्ति पर । [ 2014] (१) संवत् १४० वर्षे वैशाष मासे शुक्ल पक्षे ५ पंचम्यां तिथौ गु: "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009679
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages356
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size7 MB
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