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(२५ ) दरवाजे की बतरी पर कः लेख ।
[2009] श्री गणेश ... रतन चेला हेम ... कारापितं ॥ साह अषा साह नाराण साह कुरसी साह हेमा साह हमीर साह सुना साह सिवा साह हर . . . साह फंत्रेल साह मेघा साह जोपा साह विरधा कटाच्या चतुरा जीथा सगता ... समसथ श्रावका ... लघाणा श्री राघ. वदेवजी बारको मंदिर कारा ... लक्ष्मीरतन सं० १७०५ माघ सुदि १३ शुके प्रतिष्ठा करावो ... लक्ष्मीस्तन ......॥
कलकत्ता। श्री श्रादिनाथजी का देरासर - कुमारसिंह हाल ।
पंचतीथियों पर ।
[20:00 सं० १४६७ वर्षे मागसिर वदि ११ शुक्र श्री श्रीमाल ज्ञातीय संघ गोवस नार्या माम्हण दे तयोः सुतः महमाश्याकेन श्री सुमतिनाथ स्वामी बिंब कारापितं श्री जिनहंस गणि श्रेयोर्थ प्रतिष्टितं श्री सूरिनिः नघईज वास्तव्यः ।
[ 201] संवत् १५२७ वर्षे श्राषाढ सुदि १० बुधे श्री श्री (माल) वंशे ॥ संग कर्मा नार्या जासू पुत्र सं० षीमा नार्या चमकू श्राविकया पुत्री कर्माई पुण्यार्थ श्री अंचल गन्छे श्री जयकेसरि सूरिणामुपदेशेन चंप्रन स्वामी बिंबं कारितं प्रतिष्टितं श्री संघेन ॥ श्री पत्तन नगरे ॥
"Aho Shrut Gyanam"