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(१५७) जलमंदिर।
पंचतीर्थ पर।
[ 1000] संघ १५११ पोष वदि ६ गुण मंत्रीअर गोत्र श्री हुँबड़ ज्ञाति गारुडिया नाग पूजू सुप समेत जाण सहनल दे सु० समधर सोमा श्रेयोर्थ ना पाव्हण नाल्दा एतैः श्री आदिनाथ विंबं कारितं वृतपान श्री रत्नसिंह सूरिनिः प्रतिः ॥
श्री पावापुरी तीर्थ । मंदिर प्रशस्ति । शिलालेख ।
[16071 (१)॥ ९ ॥ स्वस्ति श्री संवति १६एन वैशाख सुदि ५ सोमवासरे। पातिसाद श्री
सादिजांद सकलनूर {५ ) मंमलाधीश्वर विजयिराज्ये ॥ श्री चतुर्विंशतितमजिनाधिराज श्री वीरवर्षमान
स्वामी ( ३ ) निर्वाण कल्याणिक पवित्रित पावापुरी परिसरे श्री वोरजिनचेत्यनिवेशः । श्री ( ५ ) षन जिनराज प्रथम पुत्र चक्रवर्ती श्री जरत महाराज सकलमंत्रिमंडलश्रेष्ठ
मंत्रि श्रीदलसन्तानीय म.
"Aho Shrut Gyanam"