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________________ [14861 ॥ संवत् १२१ शा० १७६६ प्र० माघ शु० । गुरुवारे अञ्चगड़े कच्छ देश कोठारा वास्तव्य जैसवाल शाम गांधी मोहता गोत्र श्री केशवजी नायकेन श्री सत्रे श्री नेमिनाथ जिन बिम्बं कारापितं प्रण ना श्रीरत्नशेखर सूरितिः ॥ श्री शान्तिनाथजी का मंदिर - नमकमंडो । पञ्चतीर्थियों पर । [1487] ॥ सं० १४०५ वर्षे फार सु ए शुके श्री ज्ञानकीय गछे उसन गोत्रे जप्त ज्ञातीय साम शिवा ना कांऊ पुत्र केव्हा ना कोहण दे सन्ततिवृष्ट्यर्थ पितृमातृनिमित्तं श्री कुंथुनाथ विम्बं कारितं प्रतिष्ठितं । श्री शान्ति सूरिभिः ॥ शुनं नवतु ॥ [1488] ॥ संवत् १४२५ माघ वदि ७ सोमे श्री संडेरगछे श्री जगकेशज्ञाति सा महीपाल ना महणदे पु वैला ना सहजादे पु० सरवणनैक (?) जात कसामलस्य श्रेयसे श्री आदि नाथ पवती कारिता । प्र श्री ईश्वर सूरिनिः॥ [1480] ॥ सं० १४५३ " शुण ३ शनौ श्रीमाल माधलपुरा गोत्रे साप केला पुत्रेण सा० तोलाकेन नरपाल श्री पालेल्यादि पुत्रयुतेन श्री धर्मनाथ बिम्बं कारितं. प्र. तपागछे श्री पूर्णचन्न सूरिपट्टे श्री हेमहंस सूरिनिः [14001 ॥ सं० १४५७ वर्षे वै० शु०३ शनी उपकंश गच्छे धेधड ना० केसी प्रा० जूपणा नाम णेमी पुरा सीगकेन (?) पितृमातृ श्रेय श्री आदिनाथ बि० का प्र० श्री श्रीमाले श्री रामदेव सूरिनिः ॥ "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009679
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages356
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size7 MB
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