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( १०ए) श्री गोड़ीपार्श्वनाथजी का मंदिर - मोती कटरा।
पञ्चतीषियों पर ।
[1474] ॥ सं० १५१३ वर्षे ज्येष्ट वदी ११ सूगणा गोत्रे सा धन्ना ना धानी पुत्र सा फसहकेन आत्मपुरखार्थ श्री पार्श्वनाथ विम्बं का प्रण श्री धर्मघोष गछे श्री पद्मशेखर सूरि पट्टे श्री पद्माणक सूरिभिः ॥ श्रीः ॥
[1475] ॥ सं० १५२० वर्षे वैशाख शुदी १२ बुधे श्री श्रीमाली झातीय श्रेण हीरा ना जीविलि सु० कान्हाकेन जा पदमाई सुण रत्नायुतेन ब्रात हांसा मना निमित्तं श्री अरनाथ बिम्ब कारितं प्रतिष्टितं श्री सूरिभिः ॥ अहमदाबाद वास्तव्य ॥
[14761 ॥ संवत् १५३६ वर्षे कार्तिक शु॥ १५ गूजर श्रीमाल झातीय बहरा गोत्रे स० धन्ना जाए धारखदे युग सा0 माडा पुत्र देवाराजादि श्री शान्तिनाथ विम्यं कारितम् ॥ प्रतिष्ठितम् ॥ श्री सूरितिः ॥
[ 1477] ॥ संवत् १५५४ वर्षे मा व श सीहा वास्तव्य प्राग्वाट झातीय व्या अमा नार्य लखमादे पुत्र व्य० मादहण ना मादहणदे सुन नरवद प्रमुखसमस्तकुटुम्बयुतेन खश्रेयोर्य श्री सुविधिनाथ बिम्ब का रितं प्रतिष्ठितं तपापक्ष श्री हेमविमल सूरिनिः॥
[1478] ॥ ॥ सं० १९४० वर्षे वैशा वस्तुदी ५ भृगुवारे अर्गल पुरे ओसवाल वंशोगवे झातो वेद मोता गोत्रे साह हंसराज चन्सपालस्प कारितं नेमनाथस्प विम्बं प्रतिष्ठितम् ॥ कमला गछे श्री सिद्ध सूरिभिः ॥ उपकेश गछे ॥ ॥ श्री॥ श्रेयम् ॥
"Aho Shrut Gyanam"