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धाम प्रतिष्ठित श्री महावीर बर्द्धमान जिनराज पाडुके महतियाण श्री संघेन कारिते । प्रतिष्ठिते च श्री बृहत्खरतर गठाधीश्वर श्री शत्रुंजयाष्टमोद्धार प्रतिष्ठाकर युगप्रधान श्री जिनसिंह सूरि पट्टोदय गिर दिनकर युगप्रधान श्री जिनराज सुरिजिः ॥ श्रीवतु । श्री कमल लाजोपाध्यायाः पं० लब्धकीर्त्ति राजहंसादि शिष्य सहिताः प्रणमंति ।
११ गणधरोंके चरणों पर [191]
१ | संबति १६८ प्रमिते । बैशाख सुदि ५ सोमबारे । श्री बिहार नगर वास्तव्य श्री जरत चक्रवर्त्ति महाराजात सकल मंत्रि मुख्य मंत्रिश्वर दलान्वीय नरमणि मंकित श्री जिन चंद्रसूरि प्रोक्ति मतियाण ज्ञाति मएकन चोपड़ा गोत्रीय संघवी संग्राम सपरिवारेण ।
श्री गौतम स्वामि ॥ १ श्री श्रमिति ॥ १ श्री बायुभूति ॥ ३ श्री व्यक्तखामि ॥ ४ श्री सुधर्मा स्वामि ॥ ॥ श्री मंएिकपुत्र स्वामि ॥ ६ श्री मौर्यपुत्र स्वामि ॥ ७ श्री ठाकं पिक स्वामि ॥ श्री अचलाता स्वामि ॥ ए श्री मेतार्य स्वामि ॥ १० श्री प्रजास स्वःमि ॥ ११
J मंदिर प्रशस्ति ।
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| ० ॥ स्वस्ति श्री संवत १६०८ बैशाख सुदि ५ सोमबासरे । पातिसाद श्री साहिजां इसकल नूर मएकलाधीश्वर बिजयिराज्ये ॥ श्री चतुर्विंशतितम जिनाधिराज श्री बीर बर्द्धमान स्वामि निर्वाण कल्याणक पवित्रित पावापूरी परिसरे श्री बीर जिन चैत्य निवेशः ॥ श्री शषन जिनराज प्रथम पुत्र चक्रवर्त्ति श्री जरत महाराज सकल मंत्रि मएकल श्रेष्ठ मंत्रि श्री दल संतानीय मतिश्राण ज्ञाति श्रृंगार चोपड़ा गोत्रीय संघनायक संघवी तुलसी जायी निहालो पुत्र सं० संग्राम लघुजातृ गोबर्द्धन तेजपाल जोजराज । रो दिय गोत्रीय स० पर
* यह वेदीके अन्दर दवा भया है इस कारण सब पढ़ा नही गया ।