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पिंडवाडा। सिरोही राज्यका यह स्थान भी प्राचीन है। यहां रेलवे स्टेशन है और सिरोही जाने वाले लोग यहां उतर कर जाते हैं।
( 946 ) ओं। संवत १६०३ वर्षे माह वदि शुक्रे श्री सिरोही नगरे रायि दूर्जण सालजी श्री विजय राज्य प्राग वंशे साह गोयंद आर्या धनी पुत्र केल्हा भार्या चापलदे गुसदे पुत्र जीवा जिणदास केल्ला पीडरवाड़ा ग्रामे श्री माहावीर प्रासादे देहरी कारापितं श्री तपा गच्छे श्री कमल कलस सूरि तत्पह श्री विजय दान सूरि। साः जीवा अयोर्थं सा. जीवा दिने ४० अणसण सीधा संवत् १६०२ का० फागुण वदि ८ दिने अणसण सीधा शुभं भवतु कल्या०॥
- ( 947 ) ओं ॥ संवत् १६०३ वर्षे माह वदि शुक्र श्री सीरोही नगरे। रायि श्री दुर्जण साल जी विजय राज्य प्राग वंशे कोठारी छाछो भार्या हासिलदे पुत्र कोठारी ओ पाल भार्या षेतलदे तस्य पुत्र कोठारी तेजपाल राज पाल रसन सी राम दास ----- वाई लाछल दे श्रेयो) पींडरबाडा ग्रामे श्री माहावीर प्रासादे देहरी कारापितं । श्री सपा गच्छे श्री हेम विमल सुरि तत्पह श्री आणंद विमल सूरि तस्पर्ट श्री विजय दान सूरि। शुभं भवतु कल्याणमस्तु श्रा० बा. बाछलदे रे।
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___ सं० १६०३ वर्षे माह यदि शुक्र श्री सिरीही नगरे रायि श्री दुर्जण साल जी विजय राज्ये प्राग वंशे कोठारी छाछा भार्या हासल दे पुत्र कोठारी श्री पाल भार्या घेतलदे।