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(२०३ ) माल ज्ञातीय सा० मोटिल भा० सोभाग्यदे पुत्र रत्न सा० इंगर भाखर नाम भ्रातृ द्वयेन सा० डुंगर मा. नाथदे पुत्र सा० रूपा रायसिंह रतन सा० पौत्र सा० टीला सा. भाखर मा० भाबलदे पुत्र ईसर अरोल प्रमुख कुटुव यतेन स्व द्रव्य कारित नवलखाख्य प्रसादोरि श्री पार्श्वनाथ विवं सपरिकरा स्व श्रेयसे कारितं प्रतिष्ठापितंच स्व प्रतिष्ठायां प्रतिष्टितंच श्रीमदकवर सुरत्राण प्रदत्त जगद्गुरु विरुद धारक सपा गच्छाधिराज महारक श्री हीर विजय सूरि पह प्रभाकर महारक श्री विजयसेन सूरि पहालंकार भहारक श्री बिजय देव सूरिभिः स्वपद प्रतिष्टिनाचार्य श्री विजय सिंह प्रमुख परिकर परिकरितः ओं श्री पल्लीकीये द्योतनाचार्य गच्छे द्वौ भादा मादा को तयोः श्रेया) लखमण सुत देशलेन रिखानाथ प्रतिमा श्री वीरनाथ महाचैत्ये देवकुलिकायां कारित ॥
( 826 ) संवत् १६८६ वर्षे वैशाख मासे शुक्ल पक्ष अति पुण्य योगे अष्टमी दिवसे श्री मेड़ता नगर वास्तव्य सूत्र धार कुधरण पुत्र सूत्र० ईसर हदाह सा नामनि पुत्र लखा चोखा सुरताण ददा पुत्र नारायण हंसा पुत्र केशवादि परिवार परिवतैः स्वश्रेयसे श्री महावीर विवं कारित प्रतिष्ठापितं च श्री पाली वास्तव्य सा. दुगर भाखर कारित प्रतिष्ठायां प्रतिष्ठितं च महारक श्री विजय सेन सूरि पहालंकार भहारक श्री श्री श्री विजय देव सूरिभिः स्वपद प्रतिष्ठाचार्य श्री विजय सिंह सूरिभिः ।
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सं० १६८६ वर्ष वैसाख मासे शुक्ल पक्षे पुण्य योगे अष्ठमी दिससे महाराजाधिराज महाराज श्री गजसिंह विजयमान राज्ये सत्सुत युवराज कुमार श्री अमर सिंह राजिते सत्प्रसाद पात्रं चाहमान वंशावतंस श्री जगन्नाथ नाम्नि श्री पालि नगर राज्यं कुर्वति सन्नगर वास्तव्य श्री श्री श्री माल ज्ञातीय सा० मोटिल भा० सोभाग्यदे पुत्र रत्न सा. भाखर नाम्ना मा० मावलदे पुत्र स० ईसर अटोल प्रमुख परिवार युतेन स्व श्रेयसे श्री