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( 807 ) सं० १२४५ फाल्गुन सुदि ५ अद्येह श्री महाबीर रथशाला निमित्तं - - - - - - पाल्हिया धील देव चंड बधू यशधर आर्या सम्पूर्ण श्राविकया आत्म श्रेयार्थं समस्त गोष्ठि प्रत्यक्ष च आत्मीया स्वजन वर्ग समतेन आत्मीय गृहं दत्त ।
हूंगरीके चरण पर।
( 808 )
सं० १२४६ माघ अदि १५ शनिवार दिने श्री मज्जिनभद्रोपाध्याय शिष्यैः श्री कनक प्रभ महत्तर मिश्र कायोत्सर्गः कृतः।
पाली।
यह भी मारवाड़का एक प्राचीन स्थान है। यहांके लेख पण्डित रामानन्दजीने संग्रह किया है।
नौलखा मंदिर।
( 809 ) संवत् ११४४ वैशाख बदि ७ पल्लिका चैत्ये वीर ।
( 810 ) संवत् ११४४ ज्येष्ठ वदि ४ शीधरेल - -.।