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सं० १५२५ वर्षे मार्ग शीर्ष बदि शुक्र श्री उपकेश ज्ञातीय त्री दूगड़ गोत्र मं पनरपास पु० बछराज भा० कम्मी पुत्र सारंग सुदय वच्छाभ्यां पितु पुण्यार्थं श्री कुंघुनाथ विंवं कारिता प्र० श्री रुद्र पल्लीय गच्छे श्री देवसुंदर सूरि पट्ट े भ० श्री सोम सुंदर सूरिभिः ।
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सं० १५३७ वर्षे वैषाख सुदि ७ दिने श्रो उपकेश वंशे व - रा गोत्र े अभयसिंह संताने सा० कुता भार्या लषमादे सा० डाहत्थ श्रावण भा० पूराई पुत्र मरा जीवा देवादियुतेन श्री धर्मनाथ विंवं का० श्री खरतर गच्छे श्री जिनभद्र सूरि पट्ट े श्री जिनचंद्र सूरि पह त्री जिन समुद्र सूरिभिः प्रतिष्ठितः ॥
भावहर्ष गच्छके उपासरे में केशरियानाथजी का देरासर ।
॥ ॐ ॥ सं० १०६ - वैशाख बदि ५
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• प्रतिमा कारितेति ।
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सं० १५३३ श्री माल फोफलिया गोत्रे सा० बूहड़ भा० नापाई पुत्र बुढाकेन प्रा० कुटु' बेन युतेन श्रीविमलनाथ विंवं का० प्र० श्रीधर्म घोष गच्छे श्री पद्मानन्द सूरि श्री ।
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सं० १७१८ सा० रामजा सुत तेजसी श्री आदिनाथ विंवं का० प्र० श्री विजय गच्छे वापणा सुमति सागर सूरिभिः आचार्य श्री
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