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श्री केसरियानाथजी (मेवाड़)
यह स्थान जो मेवाड़ की राजधानी उदयपूर से २० कोस पर है रखभदेओ नामसे भी प्रसिद्ध है । मूलनायक श्री ऋषभदेवकी मूर्त्ति स्थामवर्ण बहुत प्राचीन और इनका अतिशय बहुत विलक्षण हैं। मन्दिरके बाहर महाराणा साहबों के अघाट बहुत से हैं ।
पंचतीर्थी पर ।
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सं० १५९९ वर्षे माघ सु० १३ दिने उप० ज्ञा० अ० पोमा भा० पोमी सु० जावलकेन भा० गोलादे सु० जसा घना वना मना ठाकुर परवतादि कुटुंवयुतेन स्वपितृ श्रेयसे श्री धर्मनाथ विंवं का० प्र० तपा गच्छे श्री सोम सुंदर सूरि संताने श्रीलक्ष्मी सागर सूरिभिः ।
पाषाण पर ।
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श्री कायास वास वासीता केवलापदाग नमो क्षमाग्रत (?) आदिनाथ प्रणमामि -- विक्रमादित्य संवत १४३१ वर्षे वैशाख सुदि अक्षय तिथौ वुध दिने चादी नाधुराल ---|
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श्री आदिनाथ प्रणमामि नित्यं विक्रमादित्य संवत १५७२ वैशाष सुदि श्वार सोमवार श्री जशकराज श्री कला भार्या सोवनवाई चीजीराज यहां धुलेवा ग्राम श्री ऋषभ नाथ प्रणम्य कढीआ फोईआ भार्या भरमी तस्या पवेई सा० भार्या हासलदे तस्य पगकारादेव रारगाय म्रात वेणीदास भार्या लास्टी चाचा भार्या लीसा सकलनाथ नरपाल श्री काष्ठा संघ - श्री ऋषभनाथजी श्री नाभिराज कुष श्री तां-री कुल
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