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( 306 ) सं० १९०. मिः आपाढ़ सिः ६ गुरौ श्री महावीर जिन विवं प्रति. खरतर महारक गच्छे महारक श्री जिन हर्ष सूरिप दिनकर म० श्री जिन सौभाग्य सूरिभिः कारितं तेन ओसवंशे दूगड़ गोत्रे भोलानाथ पुत्र दोलतरामेन स्वश्रेय सोर्यम् ।
पाषाण के मूर्तियों और चरणों पर।
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( चंन्द्रप्रम विवपर) सम्बत १६७१ श्री आगरा वास्तव्य ओसवाल ज्ञातीय लोढ़ा गोत्रे गाणी वसे स० ऋपमदास भार्या सुः रेष श्री तत्पुत्र संघराज सं० रूपचन्द चतुर्भुज सं. धनपालादि यते श्रीमदचल गच्छे पूज्य श्री ५ धर्ममूर्ति सूरि तत् प पूज्य श्रीकल्याण सागर सूरीणा मुपदेशेन विद्यमान श्री विसाल जिन विंव प्रति --
( 308 ) संवत १६७१ वर्षे ओसवाल ज्ञातीय लोढा गोत्रे गाणी वंसे साह Qर पाल सं० सोनपाल प्रति० अंचल गच्छे श्री कल्याण सागर सूरीणामुपदेशेन वासु पूज्य बियं प्रतिष्ठापितं ॥
(309) ॥ श्री मस्संवत १६७१वर्षे वैशाष सुदि ३ शनी आगरा वास्तव्योसवाल ज्ञातीय लोढा गोत्रे गावंसे संघपति ऋषभ दास भा० रेष श्री पुत्र सं० क्रुरपाल सं० सोनपाल प्रवरौ स्वपित ऋष दास पुन्यार्थं श्रीमदंचल गच्छे पूज्य श्री ५ कल्याण सागर सूरीणामुपदेशेन श्री पदम प्रभु जिन बिंद्य प्रतिष्ठापितं स० चागाकृतं।
- ( 310 ) श्री मत्संवत १९७१ वर्षे वैशाष सुदि ३. शनी भो आगरा वास्तव्य उपकेस ज्ञातीय लोढा गोत्रे सा. प्रेमन भार्या शक्तादे पुत्र सा० पेतसी लघुभ्राता सा. नेतसा