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________________ Plate .XXXII. लिपिपत्र श्वां. बंगाल के रामा नारायणपाल चौर विजयसेन के समय के सेखों से. (१.स. को १०ीं और ११वीं शताब्दी). राजा नारायणपाल के समय के बराल के लाभ के लेस से मुख्य मुख्य चार (t.स.की मनाही). ज्जा २१२ र ५११ १ २ भी १ । राजा विजयशेन के समय के देवपारा के लेख रे (रं. ब. की ९९वीं शताब्दी). म मा दूर 33 कयदा व छ ड ८. 21 3 य २ न य द न न श य २२ त ल व . घभ इन इमदा न समझ M ई में वि ( २ का (का का इला झि झ 9 FFK P २ सु (ज (अवस्य मु य ( इ. उमिन भेनाबवाय घमिलादनवा वादा म् व्इा रलिया शनि कतागायदाश माशवल २। डडीयाच याया सनद्रवडताना तना छ (मगः कब्जा(वघ्वमाग लिईरथन यच्चया यवशायाan यमन मरवर २६२४ायाय - Aho! Shrutgyanam
SR No.009672
Book TitleBharatiya Prachin Lipimala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaurishankar H Oza
PublisherMunshiram Manoharlal Publisher's Pvt Ltd New Delhi
Publication Year1971
Total Pages318
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size8 MB
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