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________________ Plate XXVII. लिपिपत्र २७वां. परमार धारावर्ष, चाहमान चारिगदेव और गहिल समर सिंह के पेखों से. (ई.स. की १३वीं शतानी). पाबू के परमार राजा धारावर्ष के समय के बोरिया के स्नेख से (वि. सं. १२६५ = ई. म. १२०८ ) अ ७ र ९ क रद ग घ च छ ट ठ ड ढ ण त व छ र ध न प त म य र ल व श ष स ह ह तू तु ८ मे ले कि च ज ई मा १ ३ भां र्यु र म उ रूनि ले कि द श , ता ३६ साथ यूर जालोर के चाहमान चातिगदेव के ममय के सूंधा के लेख से (वि. सं. १३२१ = ई. स. १२६४ ). दू र घ छ । थ प फ भ हो छ ण स्था तप. इब २ ठ६४ क्सकी हम ला १५ म मेवाड़ के गुलिवंगी रावल समरसिंह के समय के चोरवा लेख में (वि. सं. १३३ = ई. म. १२७३ ) स ७ 3 व 5 m दस २ स द सु * हि का हे त्यां न वि दु च णि णे of व तो भयो | हा हि लाह दा विहरी मी वसा जल संवत् १२६५ वार्ष। विशाख शु १५ स्तोमा चालुका ताशा द र ण प र मस हारक महाराजाधिराज श्री महामार त - वईमान वि क य राए श्रीक र ग महामु हा मा य म ... लातूपतिसम सपंचकुलपरियति रात ती नाप्तमा लिक सुरशंथी मरा वर्षादाव एकात पववाह कविन Aho! Shrutgyanam
SR No.009672
Book TitleBharatiya Prachin Lipimala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaurishankar H Oza
PublisherMunshiram Manoharlal Publisher's Pvt Ltd New Delhi
Publication Year1971
Total Pages318
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size8 MB
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