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अध्याय - ३
(भरत में) गंगा, सिंधु, (हैमवत में) रोहित, रोहितास्या, (हरिक्षेत्र में) हरित्, हरिकान्ता, (विदेह में) सीता, सीतोदा, (रम्यक् में) नारी, नरकान्ता, (हैरण्यवत् में) स्वर्णकूला, रूप्यकूला और (ऐरावत में) रक्ता, रक्तोदा, इस प्रकार ऊपर कहे हुए सात क्षेत्रों में चौदह नदियाँ बीच में बहती हैं।
The Gangā, the Sindhu, the Rohit, the Rohitāsyā, the Harit, the Harikāntā, the Sītā, the Sītodā, the Nāri, the Narakāntā, the Suvarņakūlā, the Rūpyakūlā, the Raktā, and the Raktodā are the rivers flowing across these regions.
द्वयोर्द्वयोः पूर्वाः पूर्वगाः ॥२१॥ (ये चौदह नदियाँ दो के समूह में लेना चाहिये) हर एक दो के समूह में से पहली नदी पूर्व की ओर बहती है (और उस दिशा के समुद्र में मिलती है)।
The first of each pair flows eastwards.
शेषास्त्वपरगाः ॥२२॥
बाकी रही सात नदियाँ पश्चिम की ओर जाती हैं (और उस तरफ के समुद्र में मिलती हैं)।
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