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अध्याय - ७
अप्रत्यवेक्षिताप्रमार्जितोत्सर्गादानसंस्तरोपक्रमणानादरस्मृत्यनुपस्थानानि ॥३४॥
[अप्रत्यवेक्षिताप्रमार्जितोत्सर्गादानसंस्तरोपक्रमणानादरस्मृत्यनुपस्थानानि ] बिना देखी, बिना शोधी जमीन में मल-मूत्रादि क्षेपण करना, बिना देखे, बिना शोधे पूजन के उपकरण ग्रहण करना, बिना देखे, बिना शोधे जमीन पर चटाई, वस्त्र आदि बिछाना, भूख आदि से व्याकुल हो आवश्यक धर्म-कार्य उत्साह-रहित होकर करना और आवश्यक धर्म-कार्यों को भूल जाना - ये पाँच प्रोषधोपवास शिक्षाव्रत के अतिचार हैं।
Excreting, handling sandalwood paste, flowers etc., and spreading mats and garments without inspecting and cleaning the place and the materials, lack of earnestness, and lack of concentration.
सचित्तसम्बन्धसम्मिश्राभिषवदुःपक्वाहाराः ॥३५॥ 1- सचित्त-जीववाले (कच्चे फल आदि) पदार्थ, 2- सचित्त पदार्थ के साथ सम्बन्ध वाले पदार्थ, 3- सचित्त पदार्थ से मिले हुये पदार्थ, 4- अभिषव - गरिष्ठ पदार्थ, और 5- दु:पक्व अर्थात् आधे पके या अधिक पके हुए या बुरी
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