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रहे और तेरे अध्यवसाय प्रवर्द्धमान हो... तेरा धर्मपुरुषार्थ प्रगति करता रहे, यही मेरी मनःकामना है। इसी भावना से तेरी समस्याओं का समाधान करने का यह प्रयास कर रहा हूँ। बस, आज तक जो भूमिका तैयार करनी थी, कर ली। अब, एक-एक समस्या को लेकर समाधान करने का प्रारंभ करूँगा। तू स्वस्थ रहे - यही कामना,
- भद्रगुप्तसूरि
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