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पत्र ५
३०
श्री अभिनंदन स्वामी १ माता का नाम
सिद्धार्था रानी २ पिता का नाम
संवर राजा ३ च्यवन कल्याणक
वैशाख शुक्ला ४/अयोध्या ४ जन्म कल्याणक
माघ शुक्ला २/अयोध्या ५ दीक्षा कल्याणक
माघ शुक्ला १२/अयोध्या ६ केवलज्ञान कल्याणक
पौष शुक्ला १४/अयोध्या ७ निर्वाण कल्याणक
वैसाख शुक्ला ८/सम्मेतशिखर ८ गणधर
संख्या १०० प्रमुख वज्रनाभ ९ साधु
संख्या ३ लाख प्रमुख वज्रनाभ १० साध्वी
संख्या ६ लाख ३० हजार प्रमुख अजिता ११ श्रावक
संख्या २ लाख ८८ हजार १२ श्राविका
संख्या ५ लाख २७ हजार १३ ज्ञानवृक्ष
प्रियाल १४ यक्ष [अधिष्ठायक देव]
यक्षेश १५ यक्षिणी [अधिष्ठायका देवी]
काली १६ आयुष्य
५० लाख पूर्व १७ लंछन [चिह्न-Mark]
बंदर १८ च्यवन किस देवलोक से?
जयंत [अनुत्तर विमान १९ तीर्थंकर नामकर्म उपार्जन
महाबल के भव में २० पूर्वभव कितने? २१ छद्मस्थ अवस्था
१८ वर्ष | २२ गृहस्थ अवस्था
४९ लाख पूर्व एवं ८ पूर्वांग २३ शरीरवर्ण (आभा) २४ दीक्षा दिन की शिबिका का नाम
अर्थसिद्धा २५ नाम-अर्थ गर्भरूप में भी हमेशा इन्द्र ने जिनका अभिनंदन किया।
सुवर्ण
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