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प्रवचन-५५ तुमने पूरा घर खोद डाला....! स्वप्न सही था या गलत, इसका निर्णय किया था क्या? स्वप्न अनेक प्रकार के होते हैं। सभी स्वप्न सही नहीं होते, कुछ विकारजन्य स्वप्न गलत सिद्ध होते हैं। इसलिए, जब तक कोई नया संकेत नहीं मिले, वहाँ तक मकान खोदने का काम स्थगित रहने दो।' हम तो वहाँ एक दिन ही रुके थे, क्या पता उसने खोदना जारी रखा या स्थगित किया। __ जमीन के लक्षणों के संकेत भी जैसे-तैसे व्यक्ति को नहीं मिलते हैं। जो व्यक्ति उपशान्त होता है, जितेन्द्रिय होता है, जिसे वायु का और पित्त का प्रकोप नहीं होता है, अपने इष्टदेवता के प्रति जिसकी निष्ठा होती है, ऐसे व्यक्ति को स्पष्ट और असंदिग्ध संकेत प्राप्त होते हैं | शुभ शकुन होते हैं, स्पष्ट स्वप्नदर्शन होता है और स्पष्ट दिव्य ध्वनि सुनाई देती है। उसी अनुसार यदि जमीन पसन्द की जाय और मकान बनाया जाय तो उस मकान में रहनेवाला प्रायः संपत्ति और सौभाग्य से भरपूर रहता है।
आजकल तो बात ही दूसरी बन गई है! मकान बनानेवाला दूसरा और मकान में रहनेवाला दूसरा! जमीन का मालिक एक होता है, उस पर ठेके से मकान बाँधनेवाला 'बिल्डर्स' दूसरा होता है, और मकान में रहनेवाला तीसरा ही होता है! नहीं होती है जमीन की परीक्षा, नहीं देखे जाते हैं कोई लक्षण! कौन देखेगा? किसको होती है गरज? सबको पैसे से मतलब होता है। जमीन के मालिक को ज्यादा पैसे चाहिए! 'बिल्डर' को भी ज्यादा पैसे चाहिए! मकान खरीदने वाले को कुछ सुविधाएँ चाहिए और अपनी मालिकी का मकान चाहिए। एक-दो बड़े रूम हों, एक ड्राइन्ग रूम हो, किचन, बाथरूम और लेट्रीन हो....एक बाल्कनी हो, पानी हो और लाइट हो-बस, हो गया काम | इतना ही देखने का। ठीक है न? स्वयं लक्षण देखकर जमीन लेनेवाले कितने? फिर अपनी ही निगरानी में मकान बनवानेवाले कितने? मकान भी शिल्प के नियमानुसार बनानेवाले कितने? मकान के विषय में भी आप लोगों की लापरवाही गजब की है! जिसमें आपको रहना है, सुख-चैन से रहना है, उस घर के विषय में भी यदि आप इतनी घोर उपेक्षा करते हैं तो फिर धर्म के विषय में तो पूछना ही क्या? शोर और प्रदूषण के बारे में भी सोचो :
किराये के मकान को भी लेते समय शकुन-स्वप्न आदि संकेत देखने चाहिए। शोर, आवाज, प्रदूषण, वातावरण....इत्यादि से भी मकान को देखना
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