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प्रवचन-५४
___ ६० किस पर विश्वास करना? :
अभी थोड़े समय पहले ही बंबई में ऐसी एक दुर्घटना हो गई थी। बंबई वालकेश्वर में समुद्र के किनारे पर एक बहुत बड़ी बिल्डिंग है। ज्यादातर उस बिल्डिंग में बड़े-बड़े श्रीमंत ही रहते हैं। एक-एक मंजिल पर एक-एक ही फ्लेट है। वैसे, वहाँ एक फ्लेट में एक परिवार रहता है, परिवार में मात्र दो ही व्यक्ति हैं-एक पति और दूसरी पत्नी। दस-ग्यारह बजे पति चला जाता है अपने ऑफिस में, फ्लेट में रह जाती है अकेली पत्नी! घर की नौकरानी भी बारह बजे चली जाती है और शाम को वापस लौटती है। दो कारें हैं - एक पति की, दूसरी पत्नी की। दोनों कार के दो ड्राइवर हैं।
एक दिन दोपहर को दो बजे किसी ने फ्लेट का दरवाजा खटखटाया। स्त्री ने देखा तो कार का ड्राइवर था। उसने दरवाजा खोला और पूछा : 'अभी क्यों आया?' ड्राइवर फ्लेट में प्रवेश करता हुआ बोला : ‘पानी पीना है।' वह सीधा रसोईघर में गया, जहाँ पानी था। स्त्री भी उसके पीछे-पीछे गई....त्यों ही फ्लेट में दूसरे दो व्यक्ति आ गये। उन्होंने आकर स्त्री का मुंह दबोच लिया । स्त्री जोर से चिल्लाई....भाग्यवश फ्लेट का द्वार खुला रह गया था। आवाज नीचेवाले फ्लेट में पहुँची। लोग ऊपर आ गये। सीधे फ्लेट में दौड़े....तो वे तीनों बदमाश पीछे की खिड़की से सीधे कूद पड़े समुद्र में....| दो बदमाश भाग गये, एक पकड़ा गया । स्त्री बाल-बाल बच गई। यदि फ्लेट का दरवाजा डाकुओं ने भीतर से बंद कर दिया होता तो क्या होता? संभव है कि स्त्री की हत्या हो जाती और लाखों रुपये के जेवर आदि लूटे जाते। __ आजकल तो लोग, नगर-से-गाँव से दूर खेतों में बंगले बनवाते हैं और वहाँ पर रहते हैं! लंबा-चौड़ा खेत और उसमें एक ही बंगला! हालाँकि वहाँ चौकीदार भी रहते हैं, परन्तु रक्षक ही भक्षक बन गया तो? चौकीदार की बुद्धि बिगड़ी तो? धन-संपत्ति के प्रलोभन में कौन नहीं फँसता है? चौकीदार को मालूम हो जाय कि 'आज सेठ के पास दो लाख रुपये हैं....' कल बैंक में जमा कराने वाले हैं....' यदि उसके मन में दो लाख पाने की प्रबल इच्छा जगी तो? चौकीदार के पास 'रायफल' या 'रिवोल्वर' हो सकती है....दूसरे भी शस्त्र हो सकते हैं। मान लो कि रात्रि के समय सेठ पर हमला कर दे तो सेठ क्या कर सकता है? वहाँ चिल्लाये तो भी कौन सुननेवाला होगा?
प्राचीन काल में, जंगलों में, पहाड़ों की चोटी पर बंगले बनवाते थे राजामहाराजा लोग! परन्तु वे स्वयं ही डाकुओं के महाकाल से होते थे! उनको वहाँ
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