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प्रकाशकीया निवेदना
नित्य क्रम में उपयोगी 'जिनपूजा-विधि' को जिनालय जाते समय साथ ले जा सके, ऐसे शुभ आशय से 'आवश्यक क्रिया साधना पुस्तक के अन्तर्गत समाविष्ट इस विषय की अलग छोटी पुस्तिका प्रकाशित करते समय, हम आनंद की अनुभूति कर रह है। जिनाज्ञा अनुसार जिनभक्ति का आलेखन 'सूरिरामचन्द्र' के अन्तेवासी शिष्यरत्न प्रवचनकार पूज्य मुनिराज श्री रम्यदर्शन विजयजी म.सा. ने किया है।
धार्मिक तथा व्यवहारिक प्रसंगो में जिनपूजा-विधि' की यह छोटी सी पुस्तिका को भेंट स्वरूप देने का अवसर छोडने जैसा नहीं है। हम सभी जिन भक्ति से मोक्षपद प्राप्त करने वाले बने, ऐसी शुभेच्छा.....
श्री सम्यग्ज्ञान रम्य पर्षदा संचालित मोक्ष पथ प्रकाशन के ट्रस्टि गण
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