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पंचामृत अथवा इक्षु के रस (अखातीज)का प्रक्षाल करने के बाद उसकी चिकनाहटसम्पूर्ण रूप से साफ हो जाए, इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए। प्रक्षाल के तैयार किया गया पंचामृत-दूध-पानी आदि, कलश कटोरी आदि ढंककर रखना चाहिए। प्रक्षाल में थूक-पसीना-खखार आदि न पड़े, इसका खास ध्यान रखना चाहिए।
ऐसे
शुद्ध जल प्रक्षाल
के लिए
ग्रहण करें।
ऐसे अभिषेक के लिए पंचामृत आदि को तैयार करें।
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