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सर्व दुःखों से मुक्ति
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सर्व दुःखों से मुक्ति
दादाश्री : दूसरे को दुःख देने का भाव किया, उसका फल दुःख ही आयेगा और दूसरे को सुख देने का भाव किया तो उसका फल सुख ही आयेगा।
प्रश्नकर्ता : मगर हम सुख देने का भाव करते है, फिर भी ऐसा तो होता नहीं।
प्रश्नकर्ता : एक बेटा दारू पीकर आता है और घर में आने के बाद अपने माँ-बाप को मारता है, तो उसमें भूल किसकी है?
दादाश्री : माँ-बाप की। जो मार खाता है, उसकी ही भूल है। दूसरे माँ-बाप को क्यों मार नहीं पडता? इसको क्यों मारता है? वो माँबाप की भूल है।
प्रश्नकर्ता : तो माँ-बाप ने मार नहीं खाना फिर?
दादाश्री : मार नहीं खायेगा तो क्या करेगा?
दादाश्री : नहीं, ये पीछे जो भाव हो गये थे, उसका फल ये भव में मिलता है और अभी नये भाव करते है, वो आगे के भव में फल आयेगा, इस भव में नहीं आयेगा। पीछे जो भाव किये थे, उसका फल तैयार हो गया और फल परिपक्व होके बाद में मिलता है।
प्रश्नकर्ता : तो पिछले भव के कर्म के फल से आज कोई आदमी चोरी करता है, तो उसको आगे के जन्म में कुछ बिगडे नहीं, ऐसा हो सकता है?
दादाश्री : हाँ, चोरी करने के बाद वो बहुत पश्चाताप करे कि, 'मैंने बहुत खराब किया, ऐसा नहीं करना चाहिये।' तो आगे के भव के लिए बहुत अच्छा होगा।
प्रश्नकर्ता : पश्चाताप तो मन का है न? दादाश्री : हाँ, बस ऐसा पश्चाताप हो गया, तो बहुत हो गया। प्रश्नकर्ता : लेकिन उसे जेल में भी तो जाना पड़े न? दादाश्री : वो जेल में गया, वो तो चोरी किया उसका फल मिला।
प्रश्नकर्ता : ऐसे फल मिलने से उसका समाज में जो मान है, इज्जत है, वो तो चले जायेंगे न?
दादाश्री : हाँ, समाज में चोरी किया, तो समाज में मान रहता ही नहीं।
प्रश्नकर्ता : अगर कुछ कर सकता है तो मार नहीं खाना न !
दादाश्री: मार नहीं खायेगा, तो क्या करेगा? वो मार ही मारेगा। वो दारू पीयेगा, सब कुछ करेगा और पीने के पानी के अन्दर ज़हर भी डाल देगा और तुम सबको मार डालेगा।
प्रश्नकर्ता : तो इसमें बाप का क्या गुनाह है? दादाश्री : माँ-बाप का बहुत ही गुनाह है। प्रश्नकर्ता : कैसे?
दादाश्री : वो पूर्वजन्म का हिसाब है। देखो, मैं तुमको समझाता हूँ। किसी ने आपकी जेब काट ली और पाँच हजार लेकर भाग गया
और वो फिर आप के हाथ में नहीं आया। सब लोग क्या बोलेंगे कि 'जो भाग गया उसकी भूल है।' आप तो यहाँ रोते है। कौन रोता है? जिसकी भूल है, वो ही रोता है। चोर तो अभी मोज कर रहा है, वो जब पकडा जायेगा तब रोयेगा, तब उसकी भूल है। आज तो जो रोता है, वो ही पकडा गया है। ये तो 'भुगतता है उसी की भूल'। ऐसा ये फाधर-मधर आज पकडे गये है।
आपकी होटेल में कोई आदमी ने १०० रूपये का चाय-नास्ता