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दान
देना। वर्ना अन्य जगह तो पैठ ही जानेवाला है। धन का स्वभाव ही ऐसा है, इसलिए अच्छे रास्ते नहीं गया तो उलटे रास्ते जाएगा। अच्छे रास्ते कम गया और उलटे रास्ते ज्यादा गया।
प्रश्नकर्ता : अच्छा रास्ता बताइए। मालूम किस तरह चले कि रास्ता अच्छा है या खराब?
दादाश्री : अच्छा रास्ता तो वैसे... हम एक पैसा लेते नहीं हैं। मैं अपने घर के कपड़े पहनता हूँ। इस देह का मैं मालिक नहीं ! छब्बीस वर्ष से इस देह का मैं मालिक नहीं। इस वाणी का मैं मालिक नहीं। अब आपको जब कुछ विश्वास आया, मुझ पर थोड़ा विश्वास बैठा, इसलिए मैं आपको कहता हूँ कि भई, अमुक जगह आप पैसा डालो तो अच्छे रास्ते खर्च होंगे। आपको मुझ पर थोड़ा विश्वास आया इसलिए मैं आपसे कहूँ तो हर्ज है?
प्रश्नकर्ता : ना।
कि 'मैं फिर से दूँ दादाजी?' तो मैं कहूँ, ना, भई ! तू तेरा धंधा किए जा। अब एक बार दिया उसने! यहाँ फिर से देने की ज़रूरत नहीं। हो तो शक्ति अनुसार डालो! वज़न दस रतल उठा सकते हो तो आठ रतल उठाओ, अट्ठारह रतल मत उठाओ। दुःखी होने के लिए नहीं करना है। पर सरप्लस धन उलटे रास्ते न जाए, इसलिए यह रास्ता दिखाते हैं। ये नहीं तो, लोभ में
और लोभ में ही चित्त रहा करेगा, भटकता रहेगा! इसलिए ज्ञानी पुरुष दिखाते हैं कि अमुक जगह डालना।
धन डालो सीमंधर स्वामी के मंदिर में अधिक धन हो तो सीमंधर स्वामी के मंदिर में देने जैसा है, दूसरा एक भी स्थान नहीं है। और कम धन हो तो महात्माओं को भोजन कराने के जैसा दूसरा कुछ भी नहीं! और उससे भी कम धन हो तो किसी दःखी को देना। और वह भी नक़द नहीं, खाना-पीना आदि पहुँचाकर! कम धन में भी दान करना हो तो पुसाएगा या नहीं पुसाएगा?
पहचानो सीमंधर स्वामी को अपने यहाँ पर आपने सीमंधर स्वामी का नाम तो सुना है न? वे वर्तमान तीर्थकर हैं, महाविदेह क्षेत्र में! उनकी उपस्थिति है आज।
सीमंधर स्वामी की उम्र कितनी? साठ-सत्तर साल की होगी? पौने दो लाख साल की उम्र है ! अभी सवा लाख वर्ष जीनेवाले हैं! यह उनके साथ तार, संबंध जोड़ देता हूँ। क्योंकि वहाँ जाना है। अभी एक अवतार शेष रहेगा। यहाँ से सीधा मोक्ष होनेवाला नहीं है। अभी एक अवतार शेष रहेगा। उनके पास बैठना है, इसलिए संबंध जोड़ देता हूँ।
और ये भगवान सारे वर्ल्ड का कल्याण करेंगे। सारे वर्ल्ड का कल्याण होगा! सारे वर्ल्ड का कल्याण होगा निमित्त से। क्योंकि वे जीवित हैं। गए हुए हों न, वे कुछ कर नहीं सकते। केवल पुण्य बंधता है।
दादाश्री : वही अच्छा रास्ता है। दूसरा कौन-सा? कहनेवाला विश्वसनीय होना चाहिए। विश्वसनीय! जिसका कमिशन नहीं हो, जरा-सा भी! एक पाई भी उसमें कमिशन नहीं हो, तब वह विश्वसनीय कहलाता है! ऐसा हमें दिखानेवाले मिले नहीं हैं। हमें तो जिसमें और तिसमें कमीशन... (जाए ऐसा दिखानेवाले मिले!)
प्रश्नकर्ता : दादाजी, हमें रास्ता बताते रहना।
दादाश्री : जहाँ कुछ भी कमीशन है, वहाँ गलत रास्ते पर पैसा जाता है। अब तक तो इस संघ के चार आने भी खर्च नहीं हुए हैं, किसी कारकून या उसके नाम पर। सभी अपने घर के पैसों से काम कर लेते हैं, ऐसा यह संघ, पवित्र संघ! इसलिए सच्चा रास्ता यह है। जब डालने हों, तब डालना और वह भी आपके पास हों तब, नहीं हों तो डालना मत । अब ये भाई कहें