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भुगते उसीकी भूल भूल नहीं है और गर असर होता है तो वह आपकी ही भूल है ऐसा निश्चितरूपसे समझ लिजिए !
जमा-उधारकी नयी रीत ! दो आदमी मिलें और लक्ष्मीचंद पर आरोप लगायें कि आपने हमारा बहुत बुरा किया है । इससे रात लक्ष्मीचंद को नींद नहीं आयेगी और आरोपकरनेवाला लम्बी तान कर सो गया होगा । इसलिए भूल लक्ष्मीचंद की । मगर दादाका सूत्र "भुगते उसीकी भूल" याद आ गया तो लक्ष्मीचंद आरामकी नंद सोयेगा वर्ना उसको बहुत सारी गालियाँ देता रहेगा !
हमने किसी सुलेमानको पैसे उधार दिए हो और छह महीनों तक वह नहीं लौटता तो ? अबे, उधार किसने दिया ? आपके अहंकारने । उसने प्रोत्साहन दिया और आपने दयाल दोकर पैसे उधार दिए, इसलिए अब सलियाके नाम पर जमा लेकर, अहंकारके खातेमें उधार ले ।
भुगते उसीकी भूल पर होगा कि नहीं होगा ? होगा नहीं । उसका बाप और मम्मी अकुलाया करेंगे । उसमें मम्मी थोड़ीदेर बार सों जायेगी आरामसे लेकिन बाप गिनती किया करेगा, पाँच-पचास कितने रूपयोंका नुकशान हुआ । वह एलर्ट (सावधान) इसलिए ज्यादा भुगतेगा । इस परसे सिद्ध होगा कि भुगते उसीकी भुल ।
हमें भूल खोजने जानेकी जरूरत नहीं है । बड़े-बड़े जडज या वकीलोंको भी खोजने जानेकी जरूरत नहीं है । उसकी बजाय यह वाक्य दियाहो यह थर्मामीटर कि "भगते उसीकी भूल।" कोई यदि इतना पृथ्थकरण करते करने आगे बढ़ता चलेगा तो सीधा मोक्षमें पहुँच जायेगा ।
भूल,डॉक्टरकी या दर्दीकी ?
डॉक्टरने ददीको इन्जक्शन दिया और घर जाकर चैनसे सो गया, वहाँ दर्दीको सारी रात इन्जक्शन दुःखता रहा । इसलिए इसमें भूल किसकी? दर्दीकी ! और डॉक्टर तो तब भुगतेगा जब उसकी भूल पकड़ी जायेगी ।
ऐसा पृथ्थकरण तो कीजिए ! जिसका दोष ज्यादा वही इस संसारमें मारा खाता है । मार कौन खाता है ? यह देख लिजिए । जो मार खाता है वही दोषित है।
भुगते उस परसे हिसाब निकल आयेगा कि कितनी भूल थी! घरके दस सदस्य हो, उनमें दो को घर कैसे चलता होगा उकसा विचार भी नहीं आता । दो सोचते है कि घरमें हेल्प (मदद) करनी चाहिए और वे दोनो मदद करते हैं और सारा दिन घर किस प्रकार चलाना इसकी चिंतामें रहते हैं । पहलेवाले दो चैनकी नींद सोते रहते हैं। तब भूल किसकी ? मुए, भगते उसकी ही, चिंता करे उसकी ही । जो चैनकी नींद सोते है, उसे क्या लेना-देना !
(21)भूल किसकी है ? तब कहेंगे कि कौन भुगत रहा है इसकी तलाश करें । नौकरके हाथों दस गिलास टूट गये उसका उसर घरके लोगों
बेबीके लिए डॉक्टर बुलाएँ और वह आकर देखेंकि नब्ज नहीं चल रही हैं, इसलिए डॉक्टर क्या कहेगा ? "मुझे फ़िजूलक क्यों बुलाया ?" अबे, तूने हाथ लगा। उसी वक्त गई. वर्ना वहाँ तक तो नब्ज चल रही थी । लेकिन डॉक्टर किसके दस रूपये ले जाये और उपरसे झिड़कियाँभी सुनाता जाये । अबे, झिड़कियाँ सुनानी हो तो पैसे मत लेना और पैसे लेना हो तो झिड़कियाँ मत सुनाना । पर नहीं फिस तो लेगा ही। पैसेदेने भी होंगे । ऐसा संसार है । इसलिए इस कालमें न्याय मत खोजना ।
प्रश्नकर्ता : ऐसा भी होता है, मुझसे दवाई ले और मुझे ही झिड़कियाँ सुना ये।
दादाश्री : हाँ, ऐसा भी होता है । फिर भी सामनेवाले को गुनहगार मानोगे तो आप गुनहगार होंगे । अभी कुदरत न्याय ही कर रही है ।