________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 2 जंबुदीव सिरिभरहखित्त, खोणी तलमंडण, मगधदेश सेणियनरेस, रिउदलबलखंडण; घणवरगुव्वरनाम गाम, जहि गुणगणसज्जा,. विप्प वसे वसुभूई तत्थ, तसु पुहवीमज्जा ताण पुत्त सिरिइंदभूइ, भूवलय प्रसिद्धो, चउदहविज्जा विविह रूव, नारीरस विद्धो; विनय विवेक विचार सार, गुमगणह मनोहर सातहाथ सुप्रमाण देह, रूपे रंभावर नयण वयण कर चरण जिणवि, पंकज जळे पाडिअ, तेजे तारा चंद सूर, आकाशे भमाडिअ; रूवे मयण अनंग करवि, मेल्हिओ निरधाडिअ, धीरमें-मेरू गंभीर सिंधु चंगिम चयचाडिअ पेखवि निरूवमरूव जास, जण जपे किंचिअ, एकाकी कलिभीते इत्थ, गुण मेहल्या संचिअ; अहवा निश्चे पुबजम्मे, जिणवर इणे अंचिअ, रंभा पउभा गौरि गंगा रति, हा विधि वंचिअ नहिबुध नहीगुरु कवि न कोइ, जसु आगळ रहिओ, पंचसयां गुणपात्र छात्र, हीडे परिवरिओ; For Private And Personal Use Only