________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
थंभणयट्ठिय! पासनाह नाहत्तण कुणमह बहुविह वन्नु अवन्नु सुन्नु वन्निउ छप्पन्निहि, मुक्खधम्म-कामत्थकाम नर नियनिय सत्थिहि; जं ज्झायहि बहुदरिसणत्थ बहुनामपसिद्धउ, सो जोइयमणकमल- भसलसुहुपास पवद्धउ भयविब्भल- रणजणिरदसण थरहरिय- सरीरय, तरलिय- नयण विसुन्न गग्गारगिर करुणय, तइ सहसति - सरंत हुंतिनर नासियगुरुदर, मह विज्झविसिज्झसइ पास ! भयपंजरकुंजर ! पइं पासिवि वियसं तनित्तपत्तं तपवित्तिय, - बाहवाहपवूढ रूढ दुहदाह सुपुलइय; मन्नइ मन्नु सउन्नुपुन्नु अप्याणं सुरनर, इय तिहुअण- आनंदचंद ! जय पास !, जिणेसर ! तुह कल्ला - महेसु घंटटंकारव - पेल्लिय वल्लि रमल्ल महल्लभत्ति सुरवर गुंजुल्लिय: हलप्फलिय पवत्तयंति भुवणेवि महूसव, इय तिहुअण- आनंदचंद ! जय पास ! सुहुब्भव ! निम्मल केवल किरणनियर - विहुरिय-तमपहयर !
"
६८
For Private And Personal Use Only
८
१०
११
१२