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विक्कमा कमा, अप्पणो निडालएहिं मंडणोड्डणप्पगारएहि केहिं केहिं वि; अवंग-तिलय-पत्तलेह-नामएहिं चिल्लएहिं संगयं गयाहिं, भत्ति-सन्निविट्ठ-वंदणागयाहिं हुंति ते वंदिआ पुणो पुणो. नारायओ.
२८ तमहं जिणचंदं, अ-जिअं जिअ-मोहं; धुअ-सब्व-किलेसं, पयओ पणमामि. नंदिअयं. थुअ-वंदिअयस्सा रिसि-गण-देव-गणेहिं, तो देव-बहुहिं पयओ पणमिअस्सा; जस्स जगुत्तम सासणअस्सा, भत्ति-वसागय-पिडिअयाहिं देव-वरच्छरसा बहुआहिं, सुर-वर-रइ-गुण पंडिअयाहिं. भासुरयं. ३० वंस-सद्द-तंति-ताल-मेलिए, ति-उक्खराभिराम-सद्द-मीसए कए अ; सुई-समाण-णे अ-सुद्ध-सज्ज-गीय-पाय-जालघंटिआहिं: वलय-मेहला-कलाव-नेउराभिराम-सद्द-मीसए कए अ, देव-नट्टिआहिं हाव-भाव-विब्मम-प्पगारएहिं नच्चिऊण अंग-हारएहिं वंदिआ य जस्स ते सु-विक्कमा कमा; तयं ति लोय-सब-सत्त-संतिकारयं, पसंत-सव्वपाव-दोसमेस हं नमामि संतिमुत्तमं जिणं. नारायओ. ३१
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